सनावद बड़वाह सांसद ज्ञानेश्वर पाटील गुरुवार को कैबिनेट मंत्री जगदीश देवड़ा के साथ शहर के दो कार्यक्रमों में शामिल होने आए थे। तभी सासंद पाटील को ग्राम पंचायत नवलपुरा के लोगों ने घेर लिया। वे बीते कई वर्षों से अटकी पड़ी पुलिया निर्माण को लेकर बात करने गए थे। इस पुलिया की स्वीकृति तात्कालीन सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने ही दिलाई थी, लेकिन उसके बावजुद अब तक निर्माण कार्य शुरु नहीं हो सका। इसी को लेकर ग्रामीण सांसद पाटील से मिलने पहुंचे थे। तभी सांसद पाटील एवं ग्रामीणों के बीच तिखी नोंकझोंक देखने को मिली। इस दौरान सांसद ने यहां तक कह दिया कि यदि हमारे प्रयास कमजोर है तो आप ओर किसी को देख लो। सांसद ने ग्रामीणों से कहा कि मेरी बात सुन पहले। तुमसे ज्यादा तेज बोल सकता हुं। तुम चिल्ला रहे हो तो चिल्लाने से हो जाएगा क्या? जो भी होगा प्रेम से ही होगा। हम यदि प्रयास नहीं कर रहे है तो बात अलग हैं। तभी ग्रामीण बोले आप प्रयास नहीं कर रहे तो तभी सांसद ज्ञानेश्वर पाटील बोले हमारे प्रयास नहीं दिख रहे तो बढ़िया दुसरा कोई ढुंढ लो। तभी ग्रामीण बोले हम पहले भी कितनी बार बोल चुके हैं, आप बोलते हो पीछे लगो तो ओर कैसे पीछे लगे। सांसद एवं ग्रामीणों के बीच होती तेज बहस को वहां मौजूद लोगों की समझाईश के बाद ग्रामीण मौके से पीछे हट गए। वहीं सांसद भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ बाहर चले गए। जनप्रतिनिधि के पास नहीं जाए तो किसके पास जाए। नवलपुरा निवासी ग्रामीण महिपालसिंह तोमर ने बताया कि नंदु भैया ने हमारे यहां की पुलिया मंजूर करी थी। उसको आज तीन साल हो गए। हम तब से इसके लिए पीछे लगे हुए हैं। तकरीबन 32 लाख रुपए की राशि से स्वीकृत हुई इस पुलिया का काम ही शुरु नहीं हो सका हैं। हम इसको लेकर विधायक सांसद से मिलते है तो वे कहते है लगे रहो, तो आखिर हम कब तक इसके लिए लगे रहेंगे। नवलपुरा तक जाने वाले मार्ग की इस पुलिया के लिए सबकुछ तैयार है लेकिन कुछ कमियों के कारण यह काम रुका हुआ हैं। आज भी सांसद से मिले तो उनका कहना था कि लगे रहो तो आखिर हमें भी बताएं कि हम कब तक ओर कैसे लगे रहें। फिर आखिरी में कहने लगे मेरे से नहीं हो रहा है तो किसी ओर से करा लो। आखिर पुलिया का क्या है पुरा मामला शहर से तकरीबन छ: किमी दुर ग्राम नवलपुरा के लोग बीते कई साल से पुलिया निर्माण की मांग कर रहे थे। ग्राम नवलपुरा के सरपंच प्रतिनिधि सुखलाल राठौर ने बताया कि यहां पुलिया ना होने के कारण बारिश के दिनों में इस ग्राम में जाने वाले ग्रामीणों के साथ ही इस गांव से जुड़े कई गांवों तक पहुंचने का मार्ग पुरी तरह अवरुद्ध हो जाता हैं। इसके लिए ग्रामीण बीते 14 साल से इसकी मांग कर रहे हैं। इसके बाद तात्कालीन सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में इस पुलिया की स्वीकृति दिलाने का प्रयास किया। इस पुलिया के निर्माण के लिए तीस लाख चौंतीस हजार रुपए की मंजूरी भी मिल गई। इसके बाद कुछ राजनीतिक लोगों ने अपने स्वार्थ सिद्धी के लिए इसकी निर्माण एजेंसी बदलवाने का काम किया। इसके चलते इस पुलिया निर्माण का काम फिर अटक गया। बताया जाता है कि अब इस काम को इतनी कम राशि में कराने के लिए कोई ठेकेदार तैयार नहीं हो रहा हैं। इसके चलते ग्रामीण प्रयास कर रहे है कि कैसे भी करके इसकी स्वीकृत राशि को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से या तो बढ़वा लिया जाए या फिर इतनी ही राशि में इसका निर्माण कार्य कर दिया जाए। विधायक ने किए प्रयास लेकिन वह भी विफल ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए वह कुछ दिनों पहले ही विधायक सचिन बिरला से भी मिले थे। तब उन्हें इस बात से अवगत भी कराया गया था कि यदि इस पुलिया का निर्माण चुनाव के पहले तक नहीं होता है तो ग्रामीण चुनाव का बहिष्कार भी कर सकते हैं। मामले की नजाकत को समझते हुए विधायक बिरला ने कुछ निर्माण कार्य करने वालों को मौके पर भी भेजा था। अंतत: इसमें भी यहीं निष्कर्ष निकल कर आया कि इतनी कम राशि में इसका निर्माण हो पाना संभव नहीं हैं। इसके चलते ही ग्रामीण गुरुवार को एक बार फिर सांसद से मिलने पहुंचे थे। फोटो कैप्शन इस जगह पर बननी है पुलियां, जिसकी मांग ग्रामीण सांसद पाटील से करने गए थे।
Posted inMadhya Pradesh