प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी की सदस्यता निरस्त किए जाने पर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता यदि राजनीतिक प्रतिशोध या किसी अन्य कारण से इस तरह का काम होता है, तो मेरी नजरों में गलत है। न्यायालय ने यदि कोई फैसला दिया है तो उस पर तो कोई टिप्पणी कर नहीं सकता है, लेकिन न्यायालय की प्रक्रिया में एक प्रक्रिया ये भी है कि आप फ़ैसलें को चुनौती देने के लिए ऊपरी अदालतों में जा सकते हैं। सरकार को राहुल गाँधी को इसके लिए समय देना चाहिए था। नागरिक होने के नाते, आप चाहे भाजपा समर्थक हैं चाहे आप कॉंग्रेस समर्थक हैं हम सब को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस देश की सबसे बड़ी ताकत लोकतंत्र है। लोकतंत्र यदि कमजोर होगा तो आपका और आपके बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित नहीं होगा। आज आपके समर्थक दल की सरकार है तो आप खुशी जता रहे हैं लेकिन आप ये भूलिए नहीं कि कल को अगर आपकी सरकार चली जाएगी तब ये होगा तो आपको अच्छा नहीं लगेगा। इसलिए लोकतंत्र मजबूत बना रहना चाहिए। उसके लिए जरूरी है कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं जो संविधान में अंकित है, उनका पालन ईमानदारी से होना चाहिए।
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