मिलिए ओरंगाबाद के इस चिकित्सक से जो अपने काम से मरीजों के लिए खास होने के कारण ही सरकारी अस्पताल होने के बावजूद मरीज इनके ड्यूटी पर आने का एक हफ्ते तक इंतजार किया करते है . इंतेजार की घड़ियां जब बीत जाती है और चिकित्सक अस्पताल में आ जाते है तो मरीज उनसे अपना मर्ज दिखाने के लिए रात के 11 बजे तक लाइन में खड़े रहने से भी गुरेज नही करते। जी हां यह कोई नामचीन चिकित्सक नही है बल्कि डॉक्टर उदय प्रकाश है जो औरंगगबाद के सदर अस्पताल में मेडिकल अफसर है. सप्ताह में दो दिन रविवार और सोमवार को इनकी ड्यूटी लगती है।ये हड्डी एवं नस रोग के विशेषग्य चिकित्सक है और उनके मुकाबले का शहर में कोई निजी चिमत्सक भी नही है।खास बात यह भी है कि ये इस शहर में प्राइवेट प्रैक्टिस भी नही करते लिहाजा हड्डी एवं नस संबंधी रोगों से पीड़ित मरीज इनकी पहली पसंद हो भी क्यों न क्योंकि डॉक्टर उदय प्रकाश ने मरीज को देख लिया और दवा लिख दी तो बीमारी रफ्फु चक्कर. मरीज यहां के इलाज से पूरी तरह से संतुष्ट भी है।अब सदर अस्पताल में इन दो दिनों में रेफर की संख्या घट गई है . सदर अस्पताल में उपलब्ध अल्प संसाधन के बावजूद भी डॉक्टर प्रकाश रोगियों को बेहतर सेवा दे रहे है. उनकी सेवा से न सिर्फ अस्पताल प्रबंधन खुश है।बल्कि रोगी भी काफी संतुष्ट है और भीड़ होने के बाद भी पंक्ति में घंटों खड़े होकर इलाज करा रहे है. अस्पताल प्रबंधन भी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि इनके आने से इस फैकल्टी में रोगियों का विश्वास सदर अस्पताल पर बढ़ा और भीड़ लगनी शुरू हो गई. डॉक्टर उदय प्रकाश का कहना है कि सरकार अगर एमआरआई मशीन औरंगाबाद सदर को मुहैया करा दे तो और भी इलाज करना सुलभ और सरल हो जाता। मरीजों को एमआरआई कराने जो पटना, बनारस और सासाराम जाना पड़ता है जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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