औरंगाबाद – किसी लोक गायिका ने ठीक ही कहा है की बिहार में का बा,जहाँ के शिक्षा मंत्री ही जनता के…

किसी लोक गायिका ने ठीक ही कहा है की बिहार में का बा,जहाँ के शिक्षा मंत्री ही जनता के पैसों को आज 15 वर्ष से बिना डियूटी दिये लूट रहा है. इससे बड़ा भ्रष्टाचारी होने का और क्या प्रमाण चाहिये जी हाँ आज हम बात कर रहे बिहार सरकार के शिक्षा मन्त्री चंद्रशेखर का जो औरंगाबाद के यादव कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और मंत्री जी का कॉलेज में नहीं बनता है हाजिरी फिर भी वेतन का उठा रहे है लाभ. आपको बतादूँ की मंत्री जी का 15 साल से कॉलेज के उपस्थिति पंजी में उनकी नाम नहीं है , फिर भी उन्हें होती है वेतन भुगतान जब बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री ही शिक्षा विभाग को ले जा रहे है अधर में तो औरो को क्या कहना ,यादव कॉलेज के प्राचार्य ने कहा विभागीय प्रोसीडिंग के हिसाब से मिल रहा वेतन . अब खबरें विस्तार से…… औरंगाबाद शहर के राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्रोफेसर डॉ चंद्रशेखर प्रसाद बिहार के शिक्षा मंत्री के पद पर आसीन हैं। अर्शयचकित की बात तो यह है कि बिहार के शिक्षा मंत्री के पद पर होते हुए भी कॉलेज से वेतन का लाभ उठा रहे हैं। राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्रोफेसर चंद्रशेखर प्रसाद महागठबंधन की सरकार बनने के बाद वर्तमान में बिहार के शिक्षा मंत्री की पद संभाल रहे हैं। इधर यादव कॉलेज में प्रोफ़ेसर की संख्या देखी जाए तो सब्जेक्ट के हिसाब से बराबर नहीं है। कई ऐसे विषय हैं जिसमें प्रोफेसरों व शिक्षकों की भारी संख्या में कमी है। इस संबंध में पूछे जाने पर राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य डॉ विजय रजक ने बताया कि वर्तमान में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर प्रसाद इसी कॉलेज के जूलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं। पिछले 15 वर्षों से विधायक बनने के बाद कॉलेज मैं आना जाना कम हो गया है 15 साल पहले कॉलेज में क्लास भी लेते थे और छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन भी कराते थे लेकिन वर्तमान के 15 वर्षों में न तो उनका उपस्थिति पंजी में नाम दर्ज हो रहा है और ना ही उनकी उपस्थिति बन रही है लेकिन सरकार के निर्देशानुसार वेतन भुगतान प्रोफेसर पद का भी किया जा रहा है। उपस्थिति पंजी में नाम ना अंकित होने व उपस्थिति न दर्ज होने पर प्राचार्य ने बताया कि पिछले 15 वर्षों से रजिस्टर में ना तो इनका नाम है और ना उपस्थिति दर्ज हो रहा है फिर भी सरकार के प्रोसीडिंग के हिसाब से वेतन भुगतान किया जा रहा है। वेतन भुगतान करना विभागीय आदेश है। वैसे फैसिलिटी का लाभ विधायकी क्षेत्र से ले रहे हैं और आर्थिक लाभ प्रोफेसर के पद से उठा रहे हैं।

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