बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री आज भले ही अपने अलग-अलग बयानबाजियों से सुर्खियां बटोर रहे हैं, लेकिन बिहार के जमुई जिले के स्कूलों की दशा और दिशा बदलने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ सरकार द्वारा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने को लेकर कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और दूसरी ओर स्कूलों की दुर्दशा देखकर लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल आ रहे हैं. आखिर बिहार के शिक्षा मंत्री को सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का ख्याल क्यों नहीं है. क्या बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य महत्वपूर्ण नहीं है. जमुई जिले के बरहट प्रखंड मैं स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुखलेवा मैं बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। बच्चे के भविष्य के साथ किया जा रहा है खिलवाड़। स्कूल के बच्चे ने बताया हम लोगों को सही से शिक्षा नहीं मिल पा रहा है। किसी दिन स्कूल खुलती है किसी दिन स्कूल नहीं खुलती है। और नहीं हम लोगों को मध्यान भोजन मिलती है। हम लोगों को शौचालय के लिए काफी समस्या होती है। जो भी स्कूल में शौचालय है सारे टूटी फूटी है। इसी वजह से हम लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वही मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया इस स्कूल की बद से बदतर स्थिति है। यहां के एच एम शंभू यादव के द्वारा बहुत धांधली किया जा रहा है। हम लोगों की मांग है। इसे स्कूल से जल्द से जल्द यहां से हटाया जाए। फिर इस स्कूल की स्थिति सही हो सकती है। क्योंकि पिछले मंथ एचएम शंभू यादव के द्वारा मध्यान भोजन का चावल 60 तोड़ा गबन कर लिया गया है। और ना ही स्कूल को रंग रोगन कराया गया है। नाही शौचालय में सीट लगवाया गया है। मध्यान भोजन बनाने का बर्तन भी नहीं है स्कूल के प्रभारी के द्वारा सारे राशि गबन कर लिया जाता है। जब हम लोगों के द्वारा विरोध किया जाता है तो एफ आई आर करने की धमकी दी जाता है। अब देखना होगा ये सभी मुद्दे पर जिला के शिक्षा विभाग और जिला अधिकारी क्या कदम उठाती है।
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