झाझा रेलवे परिसर में लगे दुकानों को हटाने का रेलवे का फरमान आज झाझा रेलवे इर्द गिर्द लगे दुकानें पूरी तरह बंद कल शाम को ही मेकिंग के द्वारा रेल पुलिस कर्मियों ने प्रचार किया आरडब्ल्यू एवं जीआरपी रेल पुलिस द्वारा सामूहिक आदेश रेलवे इंस्पेक्टर नेहा दिक्षित ने कहा कि आई डब्ल्यू का आदेश आया है, हमें आरडब्ल्यू के आदेश का पालन करना है, इसलिए हमरों को मेकिंग के द्वारा सूचना देकर आगाह कर रहे हैं, कल से कोई भी दुकानदार रेलवे परिसर में दुकान नहीं लगाएगा, दुकान लगाने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, आई डब्ल्यू के पदाधिकारीi&w के पदाधिकारी से सवाल पूछे जाने पर उन्होंने ध्यान देने से इनकार किया, न्यूज़ इंडिया 24 के पत्रकार को बरिए पदाधिकारी से बयान लेने को कहा गया! अब सवाल यह उठता है कि जो गरीबों को रोजी-रोटी दुकानदारी से चलती थी वह दुकान आज से बंद करा दिया गया फिर वह गरीब लाचार दुकान दारगरीब लाचार दुकानदार कहां दुकानदारी करेगा क्या करेगा, यह तोनदारों को पेट पर लात मारना कहा जाएगा, रेलवे का यह फरमान कहां तक उचित है कहां तक अनुचित है यह देखने वाली बात है, क्योंकि हर बार झाझा रेलवे का फरमान आते रहता है, कहीं ना कहीं ऐसा लगता है झाझा रेलवे आई डब्ल्यू हो याहोयावे पुलिस के मिलीभगत से मोटी रकम उगाही का एक अलग आदत तो नहीं बन गई है! सत्य यह भी है कि रेलवे अपने परिसर में लगे दुकानों को हटा सकती है क्योंकि रेलवे के परिसर में दुकान लगी है, रेलवे की संपत्ति है वह हटा शक्ति है, लेकिनी है कि इन गरीब मजदूरों दुकानदारों के लिए उसी रेलवे परिसर में दुकान बना दीजिए रेलवे को भी आमदनी होगी और दुकानदार को भी आमदनी होगी जिस सेजिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो सके आखिर झाझा में रेलवे अपनी संपत्ति पर क्या करना चाहती है, रेलवे पदाधिकारी इन दुकानदारों के लिए कुछ अच्छी पहल तो कीजिए जिससे रेलवे का नाम होजिससे रेलवे का नाम हो बदनाम ना हो
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