औरंगाबाद में होली त्योहार के दौरान देवकुंड थाना प्रभारी के द्वारा बनतारा गांव में होली गीत गा रहे महादलित परिवार को पुलिस के द्वारा बर्बरता से पिटाई किया गया था हालांकि सूत्रों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पिटाई के बाद आक्रोशित ग्रामीण भी उग्र हो गए और पुलिसिया जुर्म के खिलाफ रोडे बाजी किया था जिसमे थाने की गाड़ी भी थोड़ी क्षति ग्रस्त हो गई थी जिसको लेकर पुलिस ने कई दर्जन ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज किया है जिसके खिलाफ बनतारा ग्राम के ग्रामीणों ने देवकुंड थाना का घेराव किया गया था और न्याय की गुहार लगया था लेकिन इसके बाद भी जब ग्रामीणों को इंसाफ नही मिला तो अब हार थक कर ग्रामीण 12 मार्च से देवकुंड थाना पर भारी संख्या में जुट कर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं और ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस अपनी गलती छुपने को लेकर हम लोगो के ऊपर प्राथमिकी दर्ज किया है ,जिसको लेकर ग्रामीणों ने जिला स्तरीय अधिकारीओ से जांच की मांग किया है और न्याय की गुहार लगाया है , ग्रामीणों का कहना है कि अगर न्याय नहीं मिला तो हम अपना गांव छोड़कर ही चले जाएंगे जब इस बिंदु पर औरंगाबाद पुलिस कप्तान स्वप्ना गौतम मिश्राम से टेलीफोनिक बातचीत किया गया तो उन्होंने साफ शब्दों में बताया है कि हमने दाउदनगर एसडीपीओ को इसकी जांच पड़ताल करने का आदेश दे दिया है जब जांच की रिपोर्ट आ जायेगी तो आगे की कार्रवाई की जाएगी हालांकि महादलित परिवार अपने ऊपर की गई मुकदमे को हटाने की मांग कर रहे है ,वही थाना प्रभारी को हटाने का मांग कर रहे है, जब इस बिंदु पर देवकुंड थाना प्रभारी से टेलीफोनिक बात किया गया तो उन्हों ने बताया है कि गाँव के लोगो के द्वारा बताया गया की बनतारा गाँव मे डीजे बजाकर कुछ लोग बवाल मचा रहे है जिससे हिंसा भड़काने की संभावना है, इसकी सूचना ग्रामीणों के द्वारा हमें बार-बार दिया जा रहा था जिसके उपरांत हम मौके पर पहुंचे तो वह डीजे साउंड बज रहा था जिसे हमने बंद करा दिया फिर क्या था जैसे ही डीजे बंद हुई लोगों ने उसे पुनः चालू कर दिया जब इस बिंदु पर हमने अगर्तम करवाई की तो ग्रामीणों के द्वारा पुलिस प्रशासन के ऊपर ही रोड़े बाजी कर दिया गया जिसमें थाने की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है और कई जवानों को भी हल्की चोट आई है जिसके उपरांत न्यायसंगत करवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई है और आगे की कार्रवाई की जारही है, अब यह देखना लाजमी होगा कि क्या पुलिस कप्तान की जांच महादलित परिवार को न्याय दिला पाती है या पूर्व के भाँति महादलित परिवार की आवाज को दबा दिया जाता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा
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