एक जमाना था जब लाइसेंस मिल जाने के बाद कंपनियों और उसके मालिक खुद को बॉस समझते थे मनमाने ढंग से जब चाहे जैसे चाहे वे काम किया करते थे। लेकिन आज के बदलते भारत में यह संभव नहीं है आज हमारे देश की व्यवस्था ऐसी बन रही है जिसमें काम करने वालों को पहचान मिलती है उन्हें प्रश्रय दिया जाता है। ऐसे ही घटना चट्टी बरियातु कोयला खनन परियोजना में कार्यरत जय अंबे रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ घटी है। ट्रांसपोर्टिंग लाइसेंस मिलने के बाद से ही कंपनी मनमानी तरीके से काम कर रही थी। जय अंबे रोडलाइंस कोयला ट्रांसपोर्टिंग के लिए कंपनी को अपेक्षित संख्या में ट्रक उपल्बध कराने में भी असमर्थ है। कंपनी के दिशा निर्देशों का पालन किए बिना यह अपने अड़ियल रवैया के साथ काम कर रही थी इस वजह से एनटीपीसी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इन्हीं हरकतों से तंग चट्टी बरियातु कोयला खनन परियोजना ने लाइसेंस रद्द कर दिया। गौरतलब है कि इसी साल 5 जनवरी को ही इस कंपनी को चट्टी बरियातू ने कोयला ट्रांसपोर्टिंग करने के लिए लाइसेंस जारी किया था लेकिन कंपनी के दिशानिर्देशों का सही ढंग से न पालन करने की वजह से बीते दिन लाइसेंस रद्द कर दिया गया। आपको बता दें कि चट्टी बरियातू कोयला खनन परियोजना सरकार के सभी दिशा निर्देशों का पालन कर कोयला ट्रांसपोर्टेशन कर रही है जिससे आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भारी संख्या में रोजगार मिल रहा है। जय अंबे रोडलाइंस कंपनी के लिए यह एक सुनहरा मौका था जिसके कारण से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता साथ ही राज्य में आने वाले बिजली के संकट को रोकने में भी सहायता मिलती। अगर जय अंबे कंपनी सुचारू रूप से कार्य करती तो राज्य की बिजली परियोजनाओं को कोयले की आपूर्ति भी सुनिश्चित हो जाती।
Posted inJharkhand