बीसीसीएल द्वारा रैयत के जमीन को अवैध तरह से बिना मुआवजा बिना नियोजन दिए 3 साल से उत्खनन कर रही है और रैयत के पास सारी कागजात है पुराना रसीद ,पुराना खतियान ,नया रसीद ,नया खतियान और अंचल अधिकारी द्वारा पुष्टि भी की गई है कि रैयत का जमीन है जिसमें बाघमारा :अंचल ,मौजा :छोटकी बोआ ,खाता संख्या: 10 ,खेसरा: 126 ,135,136 ,158 ,172, 179, 210 ,211 ,213, 219, 225 ,229 ,बीसीसीएल कंपनी उस पर जबरन कार्य कर रही है।यहां पर प्रशासन की कार्यशैली पर भी एक प्रश्न खड़ी होती है यहां पर रैयत का कहना है कि उस प्लॉट पर करोना काल के समय में यदि रैयत उक्त जमीन पर विरोध दर्ज करने जाते थे तो उस समय वहा से भागा दिया जाता था । उस समय कोरोना काल थी उस दौरान जो है कि रातों रात जमीन पर उत्खनन कर के काम चालू किया गया । थानेदार के द्वारा या प्रशासनिक बल के द्वारा बोलते थे कि कोरोनावायरस महामारी फैली हुई है, प्रशासनिक कार्यशैली पर इसीलिए प्रश्न उठती है जो कि उक्त जमीन पर प्रशासन के द्वारा ही दो दो बार उस जमीन पर 144 निषेधाज्ञा लागू किया गया है जबकि वहीं प्रशासन के द्वारा यह आईएएस अफसर जो है उसी के द्वारा यह पुष्टि की गई है कि उक्त जमीन जो है वह रैयत की है। और रैयत अब जो है कि अपना सारा कागजात जमीन का वह एरिया 6 बीसीसीएल भू संपदा पदाधिकारी को के पास जमा किया गया है इसके एवज में आप परियोजना पदाधिकारी गोंधुडीह कोलियरी एजेंट ऑफिस में भी जो है कि जमीन का सारी कागजात जमा की गई है साथ ही एरिया ऑफिस के महाप्रबंधक के यहां भी जो है कि रैयत अपने से पहुंचकर के जीएम को भी अपना जमीनी कागजात जमा करके आई है। इस दौरान भी बीसीसीएल जबरन उत्खनन कर रही है ।(R_PATCH) मैं ना सिर्फ बीसीसीएल के अधिकारी अधिकारी संमिलित है बल्की हम कहेंगे कि उसमें डीजीएमएस की संलिप्तता संलिप्त सामृतिकता भी इसमें है एक कागजत जिसमे डीजीएमएस के द्वार दी गई है उसमें कहा गया है की बिना मुआवजा दिया कार्य नही किया जाएगा। हम या हमारा चैनल का काम है जनता के दुख और पीड़ा को सरकार के समक्ष रखना अब यह पूरी जिम्मेवारी बीसीसीएल प्रबंधक की बनती है कि इस पर गौर करें और उनका जल्द से जल्द निदान करें ताकि वह लोग को भी परेशानी ना हो
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