
उत्तर प्रदेश में पुलिस थाने दलितों और पिछड़ों के शोषण का केंद्र बनते जा रहे हैं। हाल ही में एक शर्मनाक घटना सामने आई है जिसमें केंद्रीय विद्यालय के बुजुर्ग दलित प्रधानाचार्य, दुर्गा प्रसाद सोनकर के साथ थाने में अपमानजनक व्यवहार किया गया। यह न सिर्फ उनके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि सामाजिक न्याय के खिलाफ भी एक बड़ी चुनौती है। इस मामले ने एक बार फिर पुलिस व्यवस्था की आलोचना को जन्म दिया है। लोगों का कहना है कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि दलित और पिछड़े वर्गों को न्याय मिले और वे भयमुक्त होकर अपनी आवाज़ उठा सकें। उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन से मांग की जा रही है कि इस मामले की पूरी निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। इसके अलावा, पुलिस में संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता भी जरूरी है, ताकि समाज के कमजोर वर्गों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके।