
26 मई, भारतीय राजनीति के इतिहास में एक निर्णायक दिन के रूप में दर्ज है। इसी दिन 2014 में नरेंद्र मोदी ने देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। ये केवल सरकार का गठन नहीं था, बल्कि 30 वर्षों से चली आ रही गठबंधन सरकारों के युग का अंत और एक स्थिर, पूर्ण बहुमत वाली सरकार की वापसी थी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू हुई। पारदर्शिता, समावेशी योजनाएं और गरीबों का सशक्तिकरण केंद्र में रहा। जनधन, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने करोड़ों जरूरतमंदों की ज़िंदगी बदली। Direct Benefit Transfer (DBT) ने सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाया। पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को हटाकर शासन को सरल बनाया गया। पिछले 10 वर्षों में देश ने सामाजिक और आर्थिक आत्मविश्वास हासिल किया है। आज ‘विकसित भारत’ सिर्फ सपना नहीं, 140 करोड़ भारतीयों का साझा लक्ष्य बन चुका है।