
उत्तराखंड के देवप्रयाग में आज मूल निवास – भू कानून संघर्ष समिति ने बड़ा प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया। समिति के सदस्यों ने भागीरथी नदी में स्थायी निवास प्रमाणपत्रों की प्रतियां बहाकर सरकार के प्रति विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार मूल निवास और भू-कानून को लेकर लगातार चुप्पी साधे हुए है। समिति ने साफ कहा है कि यदि सरकार ने जल्द ही इस मुद्दे पर अपना स्पष्ट मत नहीं रखा, तो राज्यभर में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बाहरी लोगों के अंधाधुंध बसने से राज्य की संस्कृति, संसाधन और पहचान को खतरा है। समिति ने सरकार से मांग की है कि वह मूल निवास की स्पष्ट परिभाषा तय करे और उत्तराखंडी हितों की रक्षा के लिए सख्त भू-कानून लागू करे। प्रदेश भर में इस मुद्दे को लेकर माहौल गर्म होता जा रहा है।