हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने पहलगाम आतंकी हमले के उपरांत भारत सरकार एवं सेना की त्वरित, सटीक और निर्णायक कार्यवाही की सराहना करते हुए कहा कि यह जवाब निश्चित था। यह समय का प्रश्न नहीं, संकल्प का विषय था। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि यह भारत की अस्मिता पर किए गए प्रहार का करारा उत्तर है। ऑपरेशन सिंदूर यह नाम ही स्वयं गवाह देता है कि यह कार्रवाई उन वीर नारियों को समर्पित है, जिनके माथे से सिंदूर मिट गया। यह एक भावनात्मक प्रतिकार है, जो संकेत करता है कि अब भारत केवल आँसू नहीं बहाता, वह बदला भी लेता है वह भी दुश्मन की धरती पर। सांसद श्री जायसवाल ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि पहले के सैन्य अभियानों की भांति यह कार्यवाही कश्मीर क्षेत्र तक सीमित नहीं रही। इस बार भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी बाहुल्य क्षेत्र घुसकर सफल ऑपरेशन करके यह सिद्ध कर दिया कि भारत की सैन्य क्षमता अब केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि जहाँ से खतरा उत्पन्न होता है, वहाँ जाकर उसे जड़ से समाप्त करना हमारी नीति बन चुकी है। उन्होंने भारतीय सेना की वीरता को नमन करते हुए कहा कि हमारी सेना पहले भी सीना तानकर लौटी थी, और अब भी लौटी है लेकिन दुश्मन का सीना चीरकर। यह केवल हथियारों की लड़ाई नहीं, बल्कि अदम्य साहस,अनुशासन और मातृभूमि के प्रति समर्पण की

लड़ाई है और इसमें हमारी सेना सर्वोपरि है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि देश को ऐसा नेतृत्व मिला है जिसने दुनिया को यह बता दिया कि भारत अब सहनशीलता की सीमा पार नहीं करेगा। सेना को आधुनिक हथियारों से सज्जित करने, त्वरित निर्णय लेने और वैश्विक मंच पर भारत की ताकत को स्थापित करने में श्री मोदी की भूमिका ऐतिहासिक रही है। उन्हें नमन। इस अभियान की विशेषता यह रही कि इसे दो महिला अधिकारियों ने नेतृत्व दिया। श्री जायसवाल ने गर्व के साथ कहा की यह केवल ऑपरेशन सिंदूर नहीं, बल्कि नारी शक्ति का प्रतीक बन गया है। इन वीरांगनाओं ने दिखा दिया कि भारत की बेटियाँ अब केवल सीमाओं की रक्षक नहीं, बल्कि शत्रु की सीमाएँ लांघकर इतिहास रचने वाली शक्तियाँ हैं। इस अनुपम संगम को मैं नमन करता हूँ। यह भारत की नई शक्ति का उदय है जहाँ नारी नेतृत्व भी रणभूमि में विजय का झंडा फहरा रहा है। यह भारत के हर नागरिक के लिए गर्व का क्षण है। यह केवल बदले की कहानी नहीं, बल्कि भरोसे की पुष्टि है कि जब भी कोई भारत माता की ओर आँख उठाएगा, वह आँख हमेशा के लिए बंद कर दी जाएगी ।