
नैनीताल की सड़कों पर उबाल है। पर इस उबाल के बीच एक आवाज़ उठी — तर्क की, इंसाफ की।यह सवाल एक हिंदू महिला ने उस भीड़ से किया, जो मुस्लिम व्यापारियों को निशाना बना रही थी। उसने पूछा — यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है?भीड़ की भाषा अश्लील थी, महिलाओं के प्रति अपमानजनक। लेकिन यह महिला डरी नहीं। वह खड़ी रही — अकेली, पर मजबूत।ये आवाज़ हमें याद दिलाती है — इंसाफ भीड़ से नहीं, सवालों से आता है।