न्यायालय में सच्चाई की जीत हुई और झूठे का हार :- अनूप भाई सोमवार 30 अप्रैल को हजारीबाग न्यायालय के मजिस्ट्रेट जावेद खान के अदालत में चल रहे हैं मुकदमा हजारीबाग सदर थाना कांड संख्या 568/2010 दिनांक 09 अगस्त 2010 को उक्त समय के वर्तमान नगर पार्षद हजारीबाग के कार्यपालक पदाधिकारी सतीश चंद्रा पिता एम ०पी ०चंद्रा के द्वारा हजारीबाग सदर थाना में आवेदन देकर समाजसेवी अनूप कुमार उर्फ अनूप भाई वर्मा पर धारा 416, 418 ,419, 420, 384,134 आई पी सी दर्ज किया गया जिस पर अनूप भाई को सदर थाना ने दिनांक 04 दिसंबर 2010 को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में हजारीबाग सेंट्रल जेल भेज दिया था जिस पर दिनांक 21 जनवरी 2011 तक 49 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद न्यायालय से बेल मिला जिसके बाद से लगातार न्यायालय में हाजिरी लगाते रहे। अनूप भाई ने इस मामले पर बताया कि यह मामला सरासर झूठ था या मामला हजारीबाग कनहरी स्थित मुंबई आवास से जुड़ा हुआ है क्या है कि जब मुंबई आवास में नगर निगम के कुछ लोगों के द्वारा अवैध तरीका से आवास आवंटन किया जा रहा था तब अनूप भाई ने इसका विरोध किया था जिससे घबराकर नगर निगम ने अनूप भाई पर झूठा मुकदमा दर्ज किया था। अनूप भाई ने कहा कि मैं जेल गया जनहित के कार्यों में मुझे कोई अफसोस नहीं है

मुझे खुशी है कि जनता के लिए मुझे जेल जाना पड़ा मेरे लिए गर्व की बात है और मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था कि सच का जीत एक दिन होगा ही! जिस पर आज दिनांक 30 अप्रैल 2025 को मजिस्ट्रेट जावेद खान की अदालत से साक्ष्य के अभाव में मुझे बाइज़्ज़त बरी कर दिया गया । अनूप भाई के तरफ से मुकदमा लड़ रहे हैं अधिवक्ता दुर्गा प्रसाद जायसवाल,प्रमोद वर्मा उन्होंने बताया है कि पूरा मामला झूठा था और इसके लिए मैं न्यायालय में लड़ता रहा और न्याय दिलाया। हमारा कर्तव्य है कि कोई भी निर्दोष को सजा न हो। न्यायालय में सच्चाई की जीत हुई और झूठे का हार हुआ। बाइज्जत बरी होने पर अनूप भाई ने न्यायालय के प्रति आभार प्रकट किया है। न्यायालय बारी होने पर अनूप भाई के समर्थक कौन है अनूप भाई को दिया बधाई बधाई देने वालों में रत्नेश सिंह,पिंकू सिन्हा, मनोज वर्मा अजीत चंद्रवंशी, नीरज कुमार चंद्रवंशी, मोनू सिंह जितेंद्र कुमार मनोज यादव एवं अन्य लोगों ने दिया बताया