सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, मालवीय मार्ग, हजारीबाग में आज दादा-दादी ,नाना – नानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त वरीय प्रबंधक इलाहाबाद बैंक सह प्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवि हितनाथ झा, विद्यालय प्रबंधन समिति के माननीय सचिव ज्ञानचंद प्रसाद मेहता, सदस्य लाल दास चौधरी, सदस्या ऋचा प्रिया सिन्हा, प्रधानाचार्य संजीव कुमार झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन, भारत माता पूजन एवं मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। इस अवसर पर दादा-दादी नाना- नानी को उनके पोता- पोती,नाती – नतिनी एवं विद्यालय के भैया – बहनों द्वारा पैर प्रक्षालन, आरती एवं तिलक लगाकर उनका पूजन किया गया। मंचासिन अतिथियों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य संजीव कुमार झा ने कराया। विषय प्रवेश करवाते हुए विद्यालय प्रबंधन समिति के माननीय सचिव ज्ञानचंद प्रसाद मेहता ने कहा कि विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर शिक्षा के साथ-साथ संस्कार के द्वारा बच्चों को अपने परिवार के जड़ों से जोड़ने का काम करती है । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भैया – बहनों में भारतीय संस्कारों के प्रति रुचि और अपने से बड़ों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव विकसित करना है ताकि बच्चों में संस्कार

निरंतर बना रहे। आगे उन्होंने कहा कि दादा- दादी एवं नाना- नानी देवतुल्य होते हैं और बच्चे वास्तव में संस्कार इन्हीं से सीखते हैं क्योंकि बच्चों का लगाव इन लोगों के साथ बहुत गहरा होता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि हित नाथ झा ने कहा कि दादा – दादी एवं नाना- नानी ईश्वर के रूप होते हैं। उनका हमें सदैव सम्मान करना चाहिए। वे हमें संस्कार ,सदाचार, नैतिकता, संस्कृति एवं व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करते हैं अर्थात हमारे अंदर मानवीय मूल्यों का विकास करते हैं। आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित होकर हम सभी संयुक्त परिवार से दूर होते जा रहे हैं और एकल परिवार को बढ़ावा दे रहे हैं जो कि भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि भैया- बहन अपने दादा-दादी एवं नाना – नानी की छत्रछाया में रहकर संस्कार एवं व्यवहारिक ज्ञान सीखते हैं जो भविष्य में उन्हें आदर्श नागरिक बनाने में सहायक होते हैं। इस अवसर पर लगभग एक सौ दादा- दादी एवं नाना – नानी उपस्थित थे जिन्हें अंग वस्त्र एवं सुंदरकांड की पुस्तक प्रदान कर सम्मानित किया गया। मौके पर नन्हे – मुन्ने भैया- बहनों के द्वारा आकर्षक एवं मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति की गई। अंत में कार्यक्रम को सफल बनाने के निमित्त प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगे हुए सबों के प्रति आभार एवं कृतज्ञता व्यक्त करते हुए विद्यालय के प्रभारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के समस्त आचार्य बंधु – भगिनी का सराहनीय योगदान रहा ।