विदिशा के पूर्व क्यूरेटर विशेष्य डॉक्टर अहमद अली के अनुसार पुरातत्व विभाग के सर्वे में इसे कोणार्क के सूर्य मंदिर के समकालीन माना जा रहा है लेकिन इसमें तत्कालीन परमार और प्रतिहार वंश के निर्माण कार्य की झलक दिखाई देती है बाजरा मठ को ग्वालियर स्टेट के सामंत शासक वज्रदामन के कार्यक्रम के समय निर्मित माना जाता है इसमें सबसे बड़ी खूबसूरत यह है कि एक ही मंदिर में इस में हिंदू धर्म के संबंधित ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों मुख्य देवताओं के अलग-अलग तीन गर्भ ग्रह है प्रवेश द्वार के बाहर गरुण और सूर्य की प्रतिमा अंकित की गई है मंदिर के शिखर में विष्णु के दशावतार की मूर्तियां .. विदिशा के सुप्रसिद्ध इतिहासकार गोविंद देवलिया बाजरा मठ के बारे में बताते हैं कि इसे प्रतिहार काल में ही बज्रदामन नामक सावंत शासक द्वारा बनवाया गया था वज्र दामन को कच्छप घाट और कृष्णव घाट परिवार से संबंधित माना जाता है श्री देवलिया का कहना है कि इस मंदिर के शिखर मैं भगवान विष्णु के दशावतार की प्रतिमा स्पष्ट दिखाई देती हैं। बाजरा मठ जिसे अब कोर्णाक के सूर्य मंदिर के समकालीन माना जा रहा है
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