राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी द्वारा सदर अस्पताल परिसर में संचालित संजीवनी सेवा कुटीर को हटाने के निर्देश दिए जाने के बाद, सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने गुरुवार को एक विशेष प्रेस वार्ता आयोजित कर इस निर्णय का विरोध किया। उन्होंने इसे जनसेवा पर आघात बताते हुए कहा कि यह कार्य न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित भी प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि यह सेवा कुटीर दिनांक 4 जनवरी 2025 को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में स्थापित किया गया था, और तब से आज तक करीब 6000 से अधिक जरूरतमंदों को चिकित्सा सहयोग प्रदान कर चुका है। कई आपातकालीन मामलों की सेवा बिना रजिस्ट्रेशन के भी दी गई है, क्योंकि प्राथमिकता मरीज की जान बचाना रही, कागज़ी प्रक्रिया नहीं। विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया कि वे हजारीबाग आते तो हैं, पर अस्पताल परिसर का निरीक्षण क्यों नहीं करते? सिर्फ सर्किट हाउस में बैठक कर चले जाने से उन्हें कैसे जानकारी होगी कि ज़मीनी स्तर पर क्या कार्य हो रहा है? बिना कोई जायजा लिए, सेवा कुटीर को हटाने का आदेश देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदीप प्रसाद ने कहा की आप कहते हैं कि यह सेवा किसी विशेष समुदाय के लिए है, पर मैं स्पष्ट कर दूं कि जिन 6000 लोगों का इलाज किया गया है, उनमें हर धर्म, जाति, वर्ग के लोग शामिल हैं। हमारे पास पूरा डाटा है आप खुद आकर देख सकते हैं। अगर आप एक सेवा

कुटीर हटाएँगे, तो हम सौ सेवा कुटीर खड़े कर देंगे। हजारीबाग में सेवा महल बनेगा, पर सेवा कुटीर अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हटेगा। विधायक ने बताया कि सेवा कुटीर में 12 युवा स्वयंसेवक चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं। बीते बुधवार को ही मरीजों की सुविधा के लिए एयर कंडीशनर लगाया गया है। यह सेवा निस्वार्थ भाव से जनमानस की भलाई हेतु संचालित है, इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। प्रेस वार्ता में कई लाभार्थियों ने भी इस आदेश के विरोध में अपनी बात रखी। एक अल्पसंख्यक समुदाय से आए व्यक्ति ने स्पष्ट कहा मैं मुस्लिम हूं, लेकिन सेवा कुटीर ने कभी मेरा धर्म नहीं पूछा। यहां सिर्फ इंसानियत की सेवा होती है, और मैं मंत्री जी से निवेदन करता हूं कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें। प्रदीप प्रसाद ने यह भी बताया कि वे विधायक बनने से पूर्व लगभग 20 वर्षों तक समाजसेवा में सक्रिय रहे हैं। रक्तदान, सांप का इंजेक्शन, कोरोना काल में सेवाएं इन सभी कार्यों में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया। उन्होंने कहा की मेरा उद्देश्य राजनीति नहीं, सेवा है और मैं अपने आसपास के सभी लोगों को भी इसी सोच से जोड़ता हूं। उन्होंने एक ताज़ा घटना का भी जिक्र किया जिसमें बाबूगांव कोर्रा चौक निवासी आलेख गौरव की झील में डूबने से मृत्यु हो गई थी। विधायक ने स्वयं मौके पर पहुंचकर झील से शव निकलवाने का प्रयास किया और सफलता भी मिली। जबकि स्वास्थ्य मंत्री रात में झील पर सिर्फ वीडियो बनाकर चले गए पीड़ित परिवार से मिलना भी जरूरी नहीं समझा। विधायक ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा की मैं स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को चेतावनी देता हूं सेवा कुटीर किसी भी कीमत पर नहीं हटेगा। हम धर्म देखकर सेवा नहीं करते, बल्कि इंसानियत के नाते करते हैं, और करते रहेंगे।