बस्ती जिले में जननी सुरक्षा, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के अलावा हाईरिस्क प्रेगनेसी को लेकर तंत्र सक्रिय है, मगर यहां तीन साल के आंकड़े डरा रहे हैं। क्योंकि यहां साल दर साल गर्भवती के मौत का सिलसिला बढ़ा है। यानी योजनाओं का लाभ गर्भवती को मिला या नहीं इसकी निगरानी तंत्र भी सवालों के घेरे में है। क्योंकि गर्भवती व प्रसूताओं के लिए संचालित योजनाएं बेदम साबित हो रही है। इस वर्ष 10 माह में 23 गर्भवती प्रसूताओं ने दम तोड़ दिया। सरकार का प्रयास गर्भवती व प्रसूताओं के मृत्यु दर को कम करना है, मगर अपने जिले में यह आंकड़ा खासा डरावना है। क्योंकि साल के दस महीने में जहां 23 गर्भवती व प्रसूताएं असमय काल के गाल में समा गईं वहीं पिछले दो वर्ष के आंकड़ों में वर्ष 2020-21 में 30 तो 2021-22 में 39 ने दम तोड़ा है। ये हैं सरकारी योजनाएं- जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं व आशा बहुओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर प्रोत्साहन राशि दिया जाता है। इसके लिए ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं तो वही आशाओं को प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये एवं शहरी क्षेत्रों के लिए प्रति प्रसव 400 रुपये आशाओं को प्रोत्साहन राशि देने का प्राविधान है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत तीन किस्तों में 5000 रुपये भी दिए जाते है। ——— सीएमओ डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि संस्थागत प्रसव बढ़ाने तथा गांवों में गर्भवती को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर लगातार प्रयास जारी है। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। फिर भी किसी प्रसूता अथवा गर्भवती की मौत न हो इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।
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