बाघमारा अंचल कार्यालय एक बार फिर सवालों के घेरे में है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, सरकारी योजनाओं की अनदेखी और जमीन घोटाले को लेकर आज स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।” मामला बेहद गंभीर है। आरोप है कि 13 डिसमिल जमीन को दो अलग-अलग खातों में ऑनलाइन प्रविष्टि कर 26 डिसमिल दर्शाया गया — यानी रिकॉर्ड में ज़मीन ‘डबल’ कर दी गई। ग्रामीणों ने इसे साफ तौर पर एक संगठित घोटाला बताया है।” “ग्रामीणों का कहना है हमने कई बार अंचल कार्यालय में शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। एक ही जमीन को दो बार दिखाकर लोगों की संपत्ति छीनने की साजिश हो रही है।” इसी अंचल कार्यालय की लापरवाही का एक और मामला प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ा है। एक महिला लाभार्थी पिछले छह महीने से केवल जमीन की मापी के लिए ऑफिस का चक्कर काट रही है। योजना स्वीकृत है,

लेकिन जमीन की मापी नहीं हो रही — जिससे घर बनाने का सपना अधूरा है।” वही लाभार्थी महिला का कहना है “छह महीना से दौड़-धूप कर रही हूं, मगर कोई अधिकारी सुनता ही नहीं। क्या यही है सरकारी सुविधा?” “इन सभी मामलों को लेकर आज ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय के बाहर धरना दिया। उनका कहना है कि अंचलाधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं और जब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा।” वही ग्रामीणों का नारा: “भ्रष्टाचार बंद करो! दोषियों को सजा दो!” “ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से सीओ पर कार्रवाई की मांग की है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पूरे मामले में कब और क्या कदम उठाता है।”