पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक और दिन, लेकिन एक और अशांति की कहानी सामने आई है। जहां हाल ही में #WaqfBill के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक मुस्लिम समूह ने हदें पार कर दीं।ये प्रदर्शनकारि पुलिस कर्मियों को दौड़ा कर पीटते हैं। एक पुलिस अधिकारी, जो अपनी जान बचाने की कोशिश करता है, पेट्रोल पंप में घुसने का प्रयास करता है, लेकिन उसे वहां भी नहीं बख्शा जाता।पुलिस अधिकारी, खुद को बचाने के लिए पेट्रोल पंप की ओर दौड़ता है, लेकिन जब तक वह वहां पहुंचता, उसके पीछे उग्र भीड़ पहुँच चुकी होती है। उसे भीड़ से बचने का कोई रास्ता नहीं मिलता।न केवल पुलिस, बल्कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई कारों को भी आग के हवाले कर दिया,

सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुँचाई, और पूरे क्षेत्र में डर का माहौल बना दिया।यह घटना केवल पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव नहीं है, बल्कि यह समाज में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़ा करती है। अपराधी कितने बेखौफ हो सकते हैं, इसका यह एक ज्वलंत उदाहरण है।यह एक संकेत है कि कानून और व्यवस्था की मजबूती की आवश्यकता है। पुलिस को अपनी सुरक्षा और कर्तव्यों को निभाने के लिए सक्षम बनाने के साथ-साथ हमें ऐसे प्रदर्शनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे।