
राजनीतिक चर्चाओं में आजकल एक नया विवाद उभरा है। कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री मल्लिकार्जुन खड़गे का सम्मान नहीं किया गया, जो दलित समाज से आते हैं।कांग्रेस पार्टी की बैठकों में खड़गे जी की कुर्सी को किनारे पर रखा गया, जो कि कुछ नेताओं के लिए चिंता का कारण बना है। यह घटना कांग्रेस के दलित विरोधी होने का आरोप लगाने वालों के लिए एक नया तर्क बन गई है।समाज के एक वर्ग का कहना है कि अगर पार्टी अपने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का सम्मान नहीं करती, तो यह दलित समुदाय के प्रति पार्टी का नजरिया साफ़ तौर पर नकारात्मक दिखाता है।हालांकि, कांग्रेस ने इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या इस तरह की घटनाएँ पार्टी की छवि पर असर डाल सकती हैं।