आज नीमताल स्थित वीर जवान ज्योति पर 1962 भारत चीन युद्ध लद्दाख रेजांगला के मोर्चे पर भारी-भरकम चीन की सेना से लोहा लेने वाले वीर सपूतों की माटी कलश के रूप में विदिशा लाकर उसकी भव्य शोभायात्रा निकाली गई श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए, अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदीश यादव ने बताय यदुवंशी पुरातन काल से ही देश और धर्म के लिए बलिदान देते हैं उनके बलिदानों का क्रम बहुत लंबा है उन्हीं में से एक है 18 नंबर 1962 11 जुलाई जिसकी शौर्य कलश यात्रा पूरे देश में निकाली जा रही है यह यात्रा 18 नवंबर 2022 से प्रारंभ होकर 18 नवंबर 2023 तक चलेगी अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के जिला अध्यक्ष श्री रविंद्र यादव फौजी ने बताया आधुनिक हथियारों से लैस 15000 की सेना लेकर विश्वासघाती चीन ने भारत की लद्दाख रेजांगला सीमा पर हमला कर दिया जहां पर भारतीय 13 कुमाऊ पलटन की चार्ली विशुद्ध यदुवंशी अहीर कम्पनी थी इस लड़ाई में चीन की भारी-भरकम सेना को मुंह की खानी पड़ी उसके 1300 से अधिक जवान वहीं पर ढेर हो गए और हजारों की संख्या में घायल हुये युद्ध में भारत के 114 वीर अहीर सपूत शहीद हुए यह पहला मोर्चा था जिसमें चीन ने इन सभी रणवांकुरो की तारीफ की और उनके शवों को सम्मान के साथ उनके सर के पास उनकी संगीने लगाई आज लद्दाख इन्हीं वीर सपूतों के कारण भारत का हिस्सा है
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