कानपुर में रामनवमी के मौके पर एक शोभायात्रा निकाली जा रही थी, जब कुछ आरोपों के मुताबिक, मुस्लिम इलाके से पत्थर फेंके गए। यह घटना, जैसे ही सामने आई, राजनीति और सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। हालांकि, एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें शोभायात्रा में शामिल लोग भागते हुए दिखाई दे रहे थे। इस वीडियो ने सवाल उठाए कि क्या वाकई कोई हिंसा हुई थी या यह सिर्फ अफवाह का हिस्सा था? शोभायात्रा में अराजक तत्वों ने पुलिस से नोकझोंक की और यहां तक कि पुलिस पर जूता फेंका गया। यह दृश्य देश के समाज में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव की गंभीरता को दर्शाता है।

“हमें याद रखना होगा कि हर त्योहार को खुशी और समृद्धि के साथ मनाना चाहिए। यह समय है जब हम एक साथ मिलकर खुशियाँ मनाएं, न कि सांप्रदायिकता का खेल खेलें। जो कुछ भी हो रहा है, यह हर हिंदू, हर मुस्लिम, और हर भारतीय को शर्मिंदा करेगा। हमें ध्यान रखना होगा कि धार्मिक जुलूस और उत्सव हमें एकजुट करते हैं, न कि हमें विभाजित।” “हमारे समाज की सच्ची ताकत हमारी एकता में है। यह वक्त है जब हमें अपने देश के हर कोने में शांति, सद्भावना और समझदारी की भावना को बढ़ावा देना चाहिए। तभी हम सच्चे मायनों में रामनवमी जैसे त्योहारों की सार्थकता को समझ पाएंगे।”