भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में इस बार राम नवमी के पर्व की तैयारियां पूरे जोश और भव्यता के साथ चल रही हैं। पूरे शहर को सजाया गया है, ताकि श्रीराम के जन्मोत्सव का स्वागत श्रद्धा और उल्लास के साथ किया जा सके।राम नवमी के दिन 25 से 30 लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो।अयोध्या रेंज के आईजी, प्रवीण कुमार और कमिश्नर गौरव दयाल खुद ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र को कई जोनों में बांटा गया है, और जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है।सुरक्षा के उद्देश्य से सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से अयोध्या की निगरानी की जा रही है। कंट्रोल रूम से पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।राम जन्मोत्सव की शुरुआत 4 अप्रैल से ही धार्मिक अनुष्ठानों के साथ हो गई थी। राम मंदिर के साथ अयोध्या के हर मठ और मंदिर में

विशेष तैयारियां की जा रही हैं।कल यानी राम नवमी के दिन सुबह 9:30 बजे से भगवान श्रीराम का अभिषेक शुरू होगा। इसके बाद, 10:30 बजे पट बंद करके प्रभु का श्रृंगार किया जाएगा, और फिर 10:50 बजे अभिषेक और श्रृंगार दर्शन होंगे।फिर, दोपहर ठीक 12 बजे, भगवान श्रीराम के जन्म का सबसे महत्वपूर्ण पल आएगा। इस दौरान सूर्य तिलक होगा, जिसमें भगवान सूर्य चार मिनट तक प्रभु श्रीराम का तिलक करेंगे।श्रद्धालु बड़ी बेसब्री से इस पल का इंतजार कर रहे हैं, जब भगवान श्रीराम का जन्म होगा और सूर्य तिलक के बाद प्राकट्य की आरती होगी। साथ ही, 56 भोग का भी आयोजन किया जाएगा।अयोध्या में राम नवमी का यह पर्व एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन बनेगा। इसके साथ ही, शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम और सुविधाओं के कारण श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के दर्शन का अवसर मिलेगा।अयोध्या में राम नवमी का यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था की अभिव्यक्ति है।