देश के प्रधानमंत्री सहित पूरा देश स्वच्छता को लेकर गंभीर है।शासन के द्वारा पंचायतो को इफराद पैसे भी भेजे गये है इसके बाद भी पंचायते शौचालय कार्य पर गंभीर नही है।अधूरे कार्य करके बाहर से टीम टीम करके फोटो भेज देते है और अधिकारियो को गुमराह कर रहे है।मामला कुसमी जनपद पंचायत का है जो अक्सर कुछ न कुछ विषय को लेकर अखबारो की सुर्खियों पर बना रहता है। यहां आदिवासी जनपद पंचायत होने की नया मामला ग्राम पंचायत मेडरा क सामने आया है मेडरा के उपसरपंच रविंद्र यादव के द्वारा मीडिया के पास भेजे गए वीडियो एवं उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत के पदाधिकारियो के द्वारा सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कार्य कराया गया है और बाहर से डेंट पेंट करके परिसर को चालू दिखा दिया गया है।बताया जा रहा है कि सामुदायिक स्वच्छता पर सर की राशि आहरित तो कर दी गई है लेकिन स्थल पर पहुंचकर जब उपसरपंच ने अन्य ग्रामीणों के साथ देखा तो परिसर के अंदर लैट्रिंग सीट तक नहीं लगाई गई है छपाई कार्य नही हुआ है,सबसे बडी की इस परिसर का टैंक तक नही बनाया गया है।बताया जा रहा है कि सीसी भी जारी कर दी गई है। इस सामुदायिक स्वच्छता परिसर ने स्वच्छता की पोल खोल कर रख दी है।अभी तक परिषर का उपयोग नही हो रहा है। मामले पर मीडिया ने खंड स्तरीय अधिकारी को जानकारी देकर बातचीत की है कुसमी खंड स्तरीय अधिकारी के द्वारा ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों से बातचीत करके मामले पर जांच शुरू कर दी गया है अब देखना दिलचस्प होगा की किस तरह से इस परिषद में जांच होती है। क्या लापरवाहो पर किसी पर कार्यवाही वरिष्ठ अधिकारी करते हैं या फिर यह भी ठण्डे बस्ते पर जांच कर देगे।