झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले सिविल कोर्ट परिसर में एक जिला स्तरीय हितधारक कानूनी परामर्श शिविर का आयोजन शुक्रवार को किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार के देखरेख में आयोजित इस शिविर में अनुसंधानकर्ताओं और हितधारकों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अन्य हितधारकों में सीडब्ल्यूसी के सदस्य, एलएडीसी के सदस्य, मध्यस्थ आदि शामिल हुए। इस कार्यक्रम में विशेष तौर पर पोक्सो और मोटर वाहन दुर्घटना अधिनियम की बारीकियां से सभी को अवगत कराया गया। इस परामर्श शिविर का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार की अगुवाई में दीप प्रज्वलित कर की गई। इस दौरान पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह, हजारीबाग बार संघ के अध्यक्ष राजकुमार व बार संघ सचिव सुमन कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौरव खुराना, न्यायिक पदाधिकारी सुमंत दीक्षित, अभिनव कुमार एवं निबंधक दिव्यम चौधरी मौजूद थे। इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार ने अनुसंधानकर्ताओं व अन्य हितधारकों को विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। और कहा कि किसी भी मामले में अनुसंधानकर्ता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। सभा को संबोधित करते हुए जिले के एसपी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बीच-बीच में किया जाना चाहिए। और इसके लिए प्रधान जिला जज रंजीत कुमार के प्रति आभार प्रकट किया। इस मौके पर हजारीबाग बार संघ के अध्यक्ष राजकुमार और सचिव सुमन कुमार ने भी बार संघ की ओर से हरेक संभव सहयोग करने का आश्वासन सभी को दिया। इस परामर्श शिविर के दौरान

अनुसंधानकर्ताओं ने अनुसंधान के दौरान आने वाली कठिनाइयों को भी सभी के समक्ष रखा जिसका सटीक समाधान उन्हें बताया गया। मंच का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौरव खुराना ने किया। डालसा सचिव गौरव खुराना ने भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां अनुसंधानकर्ताओं को दी। और कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन भी दिया। उपस्थित अनुसंधानकर्ताओं ने इस कार्यक्रम के लिए डालसा सचिव को धन्यवाद दिया और इस प्रकार के कार्यक्रम बीच-बीच में लगाए जाने का आग्रह भी किया। प्रशिक्षण दाता के तौर पर न्यायिक पदाधिकारी में विशेष न्यायाधीश पोक्सो विशाल कुमार, मोटरयान दावा दुर्घटना अधिनियम के पीठासीन पदाधिकारी दीपक कुमार मल्लिक, अनुसंधान प्रशिक्षण विधालय, रांची के प्रशिक्षणदाता असित कुमार मोदी और अधिवक्ता नवनीश चंद्र प्रसाद मौजूद थे। प्रशिक्षण के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशाल कुमार ने अनुसंधानकर्ताओं को पोक्सो एक्ट के तहत पीड़िता का बयान, उसका मेडिकल टेस्ट और चार्जशीट जमा करने की प्रक्रियाओं को बताया। वहीं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम दीपक कुमार मल्लिक ने मोटर यान दुर्घटना से संबंधित नए कानून और उससे जुड़ी समय सीमा के बारे में विस्तार पूर्वक अनुसंधानकर्ताओं को बताया। और सभी को समय सीमा का ध्यान रखते हुए अनुसंधान करने की नसीहत दी। और समय पर डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट जमा करनी चाहिए। वहीं अधिवक्ता नवनीश चंद्र प्रसाद ने महिलाओं से जुड़े कई कानून के बारे में सभी को बताया।