सांसद मनीष जायसवाल पहुंचे मेडिकल कॉलेज अस्पताल, उनके यहां पहुंचते ही मची अफरा- तफरी, एलर्ट मोड में दिखे कर्मी निरीक्षण के बाद सांसद ने सुपरिटेंडेंट से की लम्बी वार्ता, चेताते हुए कहा सिस्टम में करें सुधार, अन्यथा करेंगे दूसरा उपाय जब सांसद ने पूछा किस कानून के तहत बेडशीट, कम्बल,व्हील चेयर के लिए बंधन रखते हैं मोबाइल और 100 रुपए नगद, तो सुपरिटेंडेंट की बोलती हुई बंद हर महीने जहां 40 हज़ार हमारे मरीज करते हैं सफ़र वहां अव्यवस्था कतई बर्दाश्त नहीं करूंगा: मनीष जायसवाल ———– हजारीबाग के सदर अस्पताल/मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था सुदृढ़ करने को लेकर निरंतर गंभीर और सक्रिय रहने वाले हजारीबाग लोकसभा शेर के सांसद मनीष जायसवाल ने शुक्रवार को दोपहर 12:00 जैसे ही अचानक औचक निरीक्षण करने हजारीबाग सदर अस्पताल/ मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे तो यहां अफरा- तफरी मच गई। प्रबंधन, चिकित्सक, चिकित्साकर्मी सभी एलर्ट मोड में दिखे। सांसद मनीष जायसवाल सीधे ट्रामा सेंटर पहुंचे जहां पर्ची काउंटर में घंटों से पर्ची के इंतजार में खड़े लोगों के समस्याओं से रूबरू हुए और फ़िर यहां इमरजेंसी ओपीडी, ड्रेसिंग रूम, प्लास्टर रूम का निरीक्षण करने के पश्चात सीधे अधीक्षक डॉ.अनुकरण पूर्ति के कार्यालय कक्ष में पहुंचे और अस्पताल के कुव्यवस्था से जुड़े विभिन्न सवालों को जब बारी-बारी से रखा तो कई सवालों पर सुप्रिटेंडेंट घिरते नजर आए। दरअसल उन्हें पिछले दिनों यह शिकायत मिली थी कि अस्पताल में 100 रुपए पैसे लेकर या मोबाइल गिरवी रखकर कंबल, व्हीलचेयर और स्ट्रेचर दिया जा रहा है। कुछ लोगों ने यह भी शिकायत की थी कि बेडशीट भी नहीं मिल पाता है और बेडशीट रहते हुए भी चिकित्सा कर्मियों द्वारा बोला जाता है कि बेडशीट नहीं है।
सांसद मनीष जायसवाल ने सुपरिटेंडेंट डॉ. अनुकरण पूर्ति से अस्पताल परिसर में अधिष्ठापित दो पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बंद होने, पंजीकरण काउंटर ने मेन पावर की कमी, विभिन्न वार्डों में बेडशीट, कंबल, व्हील चेयर, स्ट्रेचर के लिए मरीजों के परिजनों से मोबाइल और पैसा जमा कराए जाने, विभिन्न वार्डों में मरीज से कैथेटर लगाने, ड्रेसिंग करने सहित अन्य सुविधा के लिए भी मनमानी वसूली किए जाने, रविवार की रात को अस्पताल का जांच घर कार्य नहीं करने, हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर दूसरी पाली के ओपीडी और विशेषकर रात्रि में उपलब्ध नहीं रहने, लेबर रूम में मनमानी वसूली किए जाने, अस्पताल का अल्ट्रासाउंड अब तक चालू नहीं किए जाने, पोस्टमार्टम में देरी एवं चिकित्सक मनमानी करने के कारण कईएक बार मुर्दों के साथ परिजनों को घंटों इंतजार कराए जाने, ब्लड बैंक का प्लाज्मा सेपरेशन का कार्य शुरू नहीं हो पाने और हॉस्पिटल कैम्पस में अस्पताल कर्मियों द्वारा व्यसन का सेवन किए जाने सहित अन्य मामले को गंभीरता से कई सवाल पूछा और इसपर लिखित जबाव भी मांगा है। सांसद मनीष जायसवाल ने लम्बी वार्ता करने के बाद जताते हुए कहा कि सिस्टम में जल्द सुधार करें अन्यथा दूसरा उपाय हमलोगों को करना भी आता है। सांसद मनीष जायसवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिस अस्पताल में हर महीने 40000 से अधिक हमारे मरीज सफर करते हो वहां की अव्यवस्था कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ना ही यह उम्मीद की जाएगी की जनकल्याण के लिए संचालित सरकारी अस्पताल में हमारे मरीज से कंबल, व्हील चेयर, स्ट्रेचर सहित अन्य सामग्री की आवाज में मोबाइल गिरवी रखा जाएगा या रुपए वसूले जाएंगे। सांसद मनीष जायसवाल ने सभी चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों की उपस्थिति और ड्यूटी रोस्टर भी सुप्रिटेंडेंट से मांगते हुए कहा कि आप मुझे रोस्टर उपलब्ध कराएं मैं बताऊंगा कि कौन उपस्थित रहते हैं और कौन नहीं। सांसद मनीष जायसवाल ने एक महीने के अंदर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का यह दूसरा निरीक्षण किया। उन्होंने इस निरीक्षण के बाद स्पष्ट किया कि समाज के अंतिम पायदान के जरूरतमंद लोगों को उचित स्वास्थ सुविधा मिले इस दिशा में हुए सतत प्रयासरत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा और चिकित्सा कर्मी अच्छे कार्य करेंगे तो हम उन्हें प्रोत्साहित भी करेंगे लेकिन गैर कानूनी कार्य करेंगे तो बक्शे भी नहीं जाएंगे। वार्ता के दौरान सुपरिंटेंडेंट डॉ.अनुकरण पूर्ति ने सांसद मनीष जायसवाल को आश्वस्त किया कि जल्द ही स्थिति में व्यापक सुधार किया जाएगा और इसकी शुरुआत भी कर दी गई है ।