उपायुक्त ने की शिक्षा विभाग की समीक्षा, बच्चों के समग्र विकास पर दिया जोर 

उपायुक्त ने की शिक्षा विभाग की समीक्षा, बच्चों के समग्र विकास पर दिया जोर 


उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय सभागार में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपायुक्त ने समग्र शिक्षा अभियान के गतिविधियों, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, खेलो झारखंड एक्सपेंडिचर, यूको क्लब एक्सपेंडिचर, विद्यालय में बच्चों की इनरोलमेंट, पोषाक वितरण, डिजिटल शिक्षा, साइकिल वितरण, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय एवं अन्य विद्यालय में सत्र 2024-25 का नामांकन, स्कूल कीट, मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों में सीबीएसई के माध्यम से चयन, आईसीटी प्रोग्राम एवं स्मार्ट क्लास, छात्रवृति, विद्यालयों लायब्रेरी की उपलब्धता व मध्याह्न भोजन से संबंधित समीक्षा की. समीक्षा बैठक के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा उपायुक्त सहित बैठक में उपस्थित अन्य अधिकारियों को वर्तमान में जिला शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं से अवगत कराया गया। बैठक में उपायुक्त ने बच्चों का आधार बेसिस अपार आईडी बनाने में आ रही है समस्या से अवगत हुई एवं इसे दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देशित किया।

उपायुक्त ने यूनिफॉर्म के लिए कक्षा 3 से 12 के छात्र-छात्राओं का शत प्रतिशत आंकड़ा जिला में 2 दिन के अंदर उपलब्ध करवाने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया। उन्होंने उपस्थित सभी पदाधिकारी से कहा मध्यान भोजन मेन्यू के अनुसार उपलब्ध करवाने में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए। मध्यान भोजन से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो इसकी रिपोर्ट करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। संबंधित अधिकारी विद्यालय में शिक्षा से संबंधित सामग्रियों की आपूर्ति और ससमय काउंसलिंग करवाना सुनिश्चित करेंगे। उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने कहा कि बच्चों को पढ़ाने के अलावा उनके समग्र विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है। बच्चों को शिक्षित करने में किसी भी प्रकार की कोई कमी ना रहे इसके लिए सीएसआर, योजना विभाग एवं डीएमएफटी फंड के माध्यम से जिले में शिक्षा के स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही है। प्रखंड स्तर से सभी संबंधित अधिकारी अपने स्तर से समय-समय पर संचालित योजनाओं की मॉनिटरिंग करना सुनिश्चित करेंगे ताकि बच्चों के शैक्षणिक ज्ञान के स्तर को बढ़ाया जा सके। उन्होंने सभी संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित किया कि गुरु गोष्ठी के माध्यम से शिक्षकों को भी मोटिवेट किया जाए कि शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनके लिए उपलब्ध कराई जा रहे शिक्षा सामग्रियों का सही इस्तेमाल कराना भी आवश्यक समझें। शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के अलावा शिक्षा से संबंधित प्रत्येक बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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