सोनो प्रखंड के व्यवसाई वर्ग ने सड़कों पर उतर खनन पदाधिकारी सहित स्थानीय प्रशासन का किया विरोध। विगत दिन स्थानीय प्रशासन के सहयोग से खनन पदाधिकारी द्वारा बंद किए गए बालू घाटों का पुनः संचालन को लेकर जनता सहित व्यवसाई वर्ग में आक्रोश है, जिसकी परिणीति बाजार बंद के रूप में हुई। क्षेत्र में बालू उठाव के कारण हो रही समस्या के मद्देनजर विगत 1 अक्टूबर से ही जनप्रतिनिधियों के सहयोग से चरणबद्ध आंदोलन प्रारंभरत है। प्रखंड के विभिन्न बालू घाटों पर मानक के विपरीत बालू उठाव के कारण हो रही समस्या से बार-बार प्रखंड से लेकर जिलाधिकारी तक ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद, बालू घाटों का संचालन कहीं ना कहीं उपेक्षा और अनदेखी की ओर इशारा करता। शुक्रवार को व्यवसायियों द्वारा बाजार बंद पर बताया कि विगत डेढ़ माह से बालू उठाव को लेकर बार-बार अनुग्रह और आग्रह के फलस्वरुप बालू घाटों का पुलिस बल के साथ जबरन संचालन कहीं ना कहीं आमजन की समस्याओं की अनदेखी हैं, सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक अरुण देव राय ने बताया की अंचल कार्यालय में बालू घाट के रूप में किसी भी स्थान का बिना सीमांकन किए सीधे नदियों से बालू का उठाव किया जा रहा, जिससे हजारों एकड़ की भूमि जल के अभाव में पड़ती हो गई, एक और सरकार जहां किसानों को मुआवजा राशि बांट रही वही दूसरी और पदाधिकारियों द्वारा किसानों को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया गया।
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