पाकुड़ ज़िले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय झेनागड़िया के बच्चो को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने से एक दर्जन से अधिक बच्चो की तबियत बिगड़ने लगी। अभिभावक ने बच्चों की तबियत बिगड़ते देख काफी हंगामा करने लगे और स्वास्थ्य कर्मियों को विद्यालय में ही बंधक बनाकर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। घटना की सूचना मिलते ही प्रभारी चिकित्सक डॉ मुकेश बेसरा मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाया कि फाइलेरिया की दवा खाने से शरीर में हल्की झिंझिनाहट होती है और उल्टी जैसा महसूस होता है इससे घबराना नही है पर ग्रामीण डॉ व नर्स की बात को मानने व सुनने से इंकार करते हुए कहने लगे कि किसके आदेश पर हमारे बच्चो को फाइलेरिया का दवा खिलाया गया।जब तक बच्चा ठीक नही होता है आप लोगो को यहाँ से जाने नही दिया जाएगा।ततपश्चात डॉ मुकेश ने बीडीओ संजय कुमार व थाना प्रभारी अभिषेक कुमार को जानकारी दिया। सूचना मिलते ही विद्यालय में पहुचकर बीडीओ व थाना प्रभारी द्वारा ग्रामीणों को काफी समझाने के पश्चात ग्रामीणों ने नर्स सीलु शालिनी मुर्मू, रिंकू ऋषि हेम्ब्रम एमपीडब्लू चार्लेश किस्कू को छोड़ा और पीड़ित बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में भर्ती किया गया। जहां पर सभी बच्चों का इलाज चल रहा है। डॉ मुकेश बेसरा ने बताया कि दवा खाने से किसी भी बच्चे को कुछ भी नही हुआ है.दवा खाने से केवल कुछ बच्चे को उल्टी जैसा लग रहा था और अभी तक किसी भी बच्चे को उल्टी ओर न कोई दूसरी हरकत हुई है।वेवजह ग्रामीणों ने हमारे स्वस्थ कर्मियों के साथ गलत व्यवहार किया है। इस मामले में

नर्स सीलु सलिनी मुर्मू व रिंकू ऋषि हेम्ब्रम ने बताया कि विद्यालय में मध्याह्न भोजन करने के आधे घण्टे पश्चात वर्ग पहला से अष्टम के बच्चो को फाइलेरिया का दवा खिलाया गया।दवा खिलाने के पहले ग्रामीणों व विद्यालय के शिक्षको को बता दिया गया था कि फाइलेरिया की दवा खाने से किसी किसी बच्चा को हल्का उल्टी जैसा महसूस होगा. इससे घबराना नही है कुछ नही होगा, पर दवा खिलाने के एक घण्टे पश्चात दो चार बच्चे ने कहा कि उल्टी जैसा लग रहा है. पर किसी भी बच्चे ने उल्टी नही किया है और न कोई दूसरी हरकत हुआ है.पर झेनागडिया की ग्रामीण महिलाओ ने हम दोनों नर्स के साथ अभद्र व्यवहार करने के साथ मारपीट भी किया है। बहरहाल सभी बच्चे स्वस्थ है और सभी बच्चे अस्पताल में अपने माता पिता के साथ और स्वस्थ है।सीएस मंटू टेकरीवाल ने बताया कि विद्यालय के सभी स्वस्थ है और मेडिकल टीम की निगरानी में है।