मेरा आपसे अनुरोध है कि नर्मदापुरम जिले की सोहागपुर तहसील अंतर्गत बागरा क्षेत्र में वर्षो पुराने जंगल काटने की अनुमति निरस्त की जाये तथा इस मामले की राज्य स्तर से पुनः परीक्षण कराया जाकर नये सिरे से विस्थापन की नीति बनाई जाये।
बागरा के पास सुपलई, , खामदा सहित अन्य गांवों को विस्थापित करने के लिए करीब ढ़ाई सौ हेक्टेयर भूमि पर स्थित 100 साल से भी अधिक पुराने जंगल को काटने से रोके जाये।
साथ ही आदिवासियों को हरे भरे जंगल में ही विस्थापित करने की कार्यवाही करने हेतु संबंधित को समुचित निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।
यह बात पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हाल ही में वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे एक पत्र में कही ।
आगे उन्होंने लिखते हुए बताया कि
श्री नीलम तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार, निवासी मातापुरा, तहसील सोहागपुर, जिला नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश का आवेदन पत्र मूलतः संलग्न है।
आवेदक ने अवगत कराया है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नर्मदापुरम जिले की सोहागपुर तहसील अंतर्गत बागरा ग्राम के पास सुपलई, खामदा सहित अन्य गांवों के निवासियों को सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान से विस्थापित किये जाने की योजना पर काम चल रहा है। जिसके चलते
इन ग्रामों के रहवासियों को बसाने के लिये करीब 250 हेक्टेयर जमीन पर लगे जंगल को काटा जा रहा है। जिससे सौ-सौ साल पुराने जंगली और इमारती लकड़ी के पेड़ लगे है। इन दिनों करीब ढ़ाई सौ एकड़ भूमि पर स्थित जंगल को काटने के पश्चात वहां के आदिवासी वर्ग के लोगों को विस्थापित करने का कार्य किया जा रहा है।
आवेदक श्री नीलम तिवारी का कहना है कि सरकार के इस पर्यावरण विरोधी निर्णय से आने वाले समय में पर्यावरण असंतुलित होने तथा जिले की आमजन को प्राणवायु के लिये संघर्ष करने की परिस्थिति बनेगी। उन्होने जंगलों की कटाई के कार्य को तत्काल रोके जाने का निवेदन किया है।
क्योंकि इसके दुष्परिणाम स्वरूप पचमढ़ी मढई की रही सही ठंडाई और तवा की खूबसूरती भी नदारद हो जाएगी
वैसे ही सोहागपुर बागरा के जंगलों की कटाई के चलते पचमढ़ी इतनी गरम हो चुकी है कि इन दिनों भी कूलर और ऐ.सी के बगैर वहां रहा नहीं जा सकता
माखन नगर बाबई से राकेश कुमार नायक की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट