गया/बोधगया मधुआ कीट के कहर से ईटरा गांव के 75 प्रतिशत धान की खेती बर्बाद, बीईओ के सलाह के बाद भी नहीं बचा सके फसल, धान को न मजदूर काटने को तैयार और न जानवर खाने को। एंकर:-गया जिला के बोधगया प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में धान की फसल पर भुरा तथा मधुआ कीट के प्रकोप को देखा जा रहा है। भुरा मधुआ कीट के प्रकोप से अचानक चटाई नुमा आकार में खेतों में धान के फसल सूखने लगे है। लहलहाती फसल को अचानक सूखते देख किसान परेशान है। किसान अपनी पूरी पूंजी खेतों में लगा चुके हैं और जब फसल काटने के समय आ रहा है तो फसल बुरी तरह जल कर राख हो रहा है। धान के पौधे में लगे दाने भी पूरी तरह सुख गए है। मधुआ कीट से प्रभावित खेतों में उत्पादन शून्य तक पहुँच गया है। इससे किसान काफी बेचैन है। इससे न सिर्फ किसान बल्कि कृषि विभाग की नींद उड़ी हुई है। सूखे धान के पौधो को कांटने के लिए न कोई मजदुर ही तैयार हो रहा और न ही पशुओं को खाने योग्य भी बचा है। मधुआ कीट पर नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक कुछ दिन पहले ईटरा गांव सहित आस-पास के कई गांव में सर्वे किये थे। सर्वे टीम को भूरा तना मधुआ कीट का प्रकोप देखने को मिला था। बीईओ छोटेलाल चौधरी ने बताया कि मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण इस कीट की उत्पत्ति होती है।
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