भारत विश्व में सभ्यता,संस्कृति एवं शांति का अग्रदूत है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ विश्व प्रसिद्ध राज्य है,जहां अनेक लोक गीत, लोक संस्कृति एवं लोक परंपरा का धरोहर है। जहां राम जैसे पुरुषोत्तम को जन्म देने वाली मां कौशल्या देवी हुईं और अनेक ऋषि -मुनियों गुरु घासीदास का तपस्थली रहा है।और आज भी “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” का नारा पूरे विश्व भर में बोला जाता है, यहीं पर 1857 के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी के ग्राम सोनाखान पारा महकम में गौरा-गौरी की शादी विवाह का कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें गांव महकम की माता बहनों का अहम भूमिका रही और दिनांक 4:10:2022 को जेठौनी के दूसरे दिन सुबह करमा-सुवा लोकगीत एवं मांदर की थाप में विसर्जन ग्राम के जोक नदी में हर्षोल्लास से मनाया गया और विशेष सहयोग में राम नारायण साहू (शिक्षक )सरपंच ग्राम पंचायत सोनाखान, डीगेश चौहान,राजकुमार साहू, देव नारायण, हरदयाल, संपत, रूपेश हेमंत, श्यामबाई, पीलीबाई, पवित्रा, आदि गणमान्य उपस्थित रहे।
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