महाकुंभ में साधु-संतों की साधनाएं आकर्षण का केंद्र बनी हैं। इसी बीच, इटली की एंजेला अब अंजना गिरि (55) बन चुकी हैं और प्रयागराज पहुंच गई हैं। 14 साल की उम्र में मां के कपड़ों में मिली हठयोग की किताब ने उनका जीवन बदल दिया। संस्कृत में लिखी इस किताब को पढ़ने में दो साल लगे, लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने इसे पढ़ा, उनकी सोच पूरी तरह बदल गई। पहले हर रविवार चर्च जाने वाली एंजेला अब सनातन धर्म के प्रति जिज्ञासा रखती थीं। 1994 में, टूरिस्ट वीजा पर भारत आईं एंजला ने कश्मीर, उत्तराखंड, काशी और आगरा का दौरा किया।

इस यात्रा के दौरान, उन्होंने ज्योतिर्लिंगों की भी यात्रा की, जिनमें नागेश्वर भी शामिल था, जो उनकी राशि के अनुसार था। इसके साथ ही, शिव भक्त फ्रांसीसी महिला पास्कल भी प्रयागराज कुंभ में पहुंची हैं। पास्कल ने कहा, “मैं यहां आकर बहुत खुश हूं। कुंभ मेले की पवित्रता और आत्मा की शुद्धि के बारे में जानती हूं और यह अवसर मुझे योगियों और साधुओं से मिलने का भी मिल रहा है। मुझे हिंदू धर्म और शिव में गहरी आस्था है।” इन दोनों महिलाओं का भारत में योग और हिंदू धर्म के प्रति गहरी रुचि दिखाता है, जो इस समय पूरी दुनिया में फैल रही है।