आसनसोल में पुलिस की मुस्तैदी और संवेदनशीलता का एक अनोखा उदाहरण सामने आया।आसनसोल साउथ ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों की तत्परता से आज साढ़े चार वर्षीय एक बच्चा लापता होने के कुछ ही समय के अंदर उसके मां-बाप के सुपुर्द कर दिया गया। आसनसोल नेपाली पाड़ा के एक दंपति का बच्चा बुधवार 12 बजे के करीब खो गया। बच्चे के पिता निशीथ घोष ने बताया कि मेरी पत्नी डीआरएम कार्यालय की कर्मचारी है, वह सुबह अपने कार्यालय चली गई। तब वह अपने दोनों बच्चों के साथ अपने घर पर थे। अचानक उनका साढ़े चार साल का बेटा गायब हो गया। उन्होंने तुरंत आसपास के लोगों को खबर दी और आसनसोल साउथ पुलिस पोस्ट में आकर शिकायत दर्ज कराई। इसके कुछ समय पश्चात आसनसोल साउथ सब ट्रेफिक गार्ड प्रभारी की तरफ से लापता बच्चे अनन्य घोष की मां के मोबाइल में फोन किया गया और उनसे पूछा गया कि क्या उनका बेटा लापता है। जब उनकी मां अरुंधती घोष ने बताया कि हां उनका बेटा लापता है तो पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनका बेटा मिल गया है। वह साउथ पुलिस पोस्ट में है। वह तुरंत वहां गई और देखा कि उनका बेटा पुलिस के पास सुरक्षित है उन्होंने जरूरी कागजात जमा

करके अपने बेटे को वापस पाया उन्होंने और बच्चे के पिता दोनों ने आसनसोल साउथ पुलिस पोस्ट और आसनसोल साउथ ट्रेफिक गार्ड के सभी अधिकारियों और सिविक वालिंटियर्स को धन्यवाद दिया। आसनसोल साउथ सब ट्रैफिक गार्ड प्रभारी राम अयोध्या मिश्रा ने कहा कि आज एक बच्चा खो गया था । वह घर से निकल कर भगत सिंह मोड़ स्थित मिठाई की दुकान तक आ गया था। जब सिविक वालिंटियर्स की नजर उस पर पड़ी उन्होंने देखा कि कुछ लोग उस बच्चों को ले जा रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि यह बच्चा कौन है तो उन्होंने कहा कि यह बच्चा यहां पर रोता हुआ मिला था। पुलिस ने उस बच्चे को अपने पास से ले लिया। उसके बारे में खोजबीन करते हुए साउथ पुलिस पोस्ट से जानकारी मिली कि एक बच्चा खो गया है। पुलिस अधिकारियों ने खोए हुए बच्चे से उसका नाम पूछा था उसने अपना नाम अनन्य घोष बताया और कहा कि वह गोपालपुर के एक प्री प्राइमरी स्कूल में पढ़ता है। पुलिस के लोग उस स्कूल में गए वहां से बच्चे की मां का फोन नंबर मिला बच्चे की मां को फोन किया गया और जरूरी कागजात के साथ आने के लिए कहा गया। थोड़ी ही देर में बच्चे का परिवार जरूरी कागजात लेकर आ गया जांच के बाद बच्चे को परिवार के हाथों सौंप दिया गया।