बिहार की सियासत में एक नए मोड़ पर सियासी घमासान छिड़ गया है। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के एक बयान पर राजनीतिक खींचतान तेज हो गई है। लालू यादव ने नए साल के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फिर से साथ आने का ऑफर दिया और कहा कि उनके लिए आरजेडी का दरवाजा हमेशा खुला है। उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश कुमार को भी अपना दरवाजा खुला रखना चाहिए, और अगर वह फिर से साथ आना चाहते हैं तो आरजेडी उनका स्वागत करेगा। लालू यादव ने यह भी कहा कि भले ही नीतीश कुमार उन्हें छोड़

कर भाग गए, लेकिन उन्होंने उन्हें माफ कर दिया है और यह उनका फर्ज था। इस बयान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटवार करते हुए कहा, “क्या बोल रहे हैं, छोड़िए ना।” JDU नेता विजय चौधरी ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए साफ कहा कि उनकी पार्टी का स्टैंड स्पष्ट है और वे एनडीए में बने रहेंगे। वहीं, तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर अपने पिता लालू यादव से अलग रुख अपनाया और नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए अपनी अलग राय रखी। बिहार की सियासत में ये नया मोड़ पार्टी के अंदर गहरे मतभेद और राजनीतिक असहमति की ओर इशारा करता है, जो आने वाले दिनों में और उभर सकते हैं।