धनबाद के गोधर बस्ती में रहने वाले लोगों का जीवन दूभर हो गया है। यहां स्थित बीसीसीएल के कुसुंडा साइडिंग से उठने वाली कोयले की धूल ने लोगों की जिंदगी को जहरीला बना दिया है। 24 घंटे उड़ती धूल से ग्रामीणों के घर, शरीर, और आसपास का पर्यावरण पूरी तरह प्रभावित हो गया है। बस्ती के पास ही सरकारी स्कूल, डीएवी स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और सचिवालय स्थित हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों और काम करने वाले कर्मचारियों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।

धूल के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और उनके भविष्य पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बीसीसीएल की लापरवाही अगर ऐसे ही जारी रही, तो कई लोगों की जान जा सकती है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस समस्या का तुरंत समाधान किया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो ग्रामीण आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। बीसीसीएल की जिम्मेदारी है कि वह अपने साइडिंग के प्रबंधन में सुधार करे और धूल प्रदूषण को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए। यदि ऐसा नहीं होता, तो इसका खामियाजा बीसीसीएल को भुगतना पड़ेगा।