बजरंग दल के सदस्यों ने दलित समाज से आने वाले युवक शिव का सिर मुंडवाकर उसे सार्वजनिक रूप से परेड में घुमाया।

इस जातिवादी हमले ने समाज में गहरे भेदभाव को उजागर किया है। दलित समुदाय का आरोप है कि ये हमलें पेशवाई राज की मानसिकता को पुनः जीवित कर रहे हैं, और जातिवाद कभी समाप्त नहीं होगा, चाहे नाम शिव का हो या शंकर का।