आज से ठीक 100 साल पहले यानी सन 1924 में कर्नाटक के ऐतिहासिक गौरव वाले जिले बेलगाम में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39 वां अधिवेशन हुआ। ये अधिवेशन देश की आजादी में मील का पत्थर बना। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर यहां जो संदेश दिया था, उसका जोरदार असर आजादी के आंदोलन पर पड़ा। 100 साल पहले गांधी जी ने जो संदेश दिए थे, वो संदेश आज के भारत के लिए भी बेहद जरूरी और प्रासंगिक है- हजारीबाग भारतीय कॉममुनीस्ट पार्टी.के बैनर तले झंडा फहराया गया और उनके सिध्दांत पर चर्चा की वहीं संचालक अनुरउद्ध प्रसाद ने.अपने वकतव ने कहा महात्मा गांधी ने सभी देशवासियों से अपने आपसी मतभेदों को भुलाकर, एकजुट होकर अत्याचारी ब्रिटिश हूकुमत के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान किया था। खिलाफत आंदोलन के बाद हिंदुओं और मुसलमानों के बीच उपजी खाई को पाटकर उन्होंने सभी को एकता के सूत्र में पिरोया। जब तक हम जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के आधार पर अपने भाइयो के साथ भेदभाव करेंगे, उन्हें अछूत मानते रहेंगे, तब तक स्वराज का संकल्प अधूरा ही रहेगा। गांधी जी ने कहा कि जब तक देश के शिक्षाविदों, प्रोफेशनल्स, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं जैसे जागरूक लोगों की राजनीति में भागीदारी नहीं होगी, तब तक देश में परिवर्तन का संकल्प मुश्किल

होगा। गांधी जी ने स्वतंत्रता सेनानियों को बताया कि अंग्रेजों की तानाशाही के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार भारत के लोगों की अहिंसा और विनम्रतापूर्वक अवज्ञा है। अगर हम अंग्रेजों का कहा नहीं करेंगे तो उनकी व्यवस्था स्वत: ध्वस्त हो जाएगी। इसी के दो साल बाद 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरूआत हुई। गांधीजी ने भारत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार की बात कही। उन्होंने खादी की कताई और बुनाई को प्रोत्साहित करने के लिए नए उपाए सुझाए, जो स्वतंत्रता संग्राम में स्वराज के लिए रामबाण सिद्ध हुआ। ऐसे दौर में जब BJP बाबा साहेब के संविधान की धज्जियां उड़ाकर, देश के नायकों का अपमान करके, जाति-धर्म के आधार पर नफरत भड़काकर देश की एकता को खंडित करना चाहती है, तब कांग्रेस पार्टी गांधी के दिखाए मार्ग पर चलकर उनके दिए संस्कारों, सीखों और मूल्यों को मजबूती से आत्मसात करने को तत्पर है। भारतीय कॉममुनीस्ट पार्टी के कार्यसमिति की बैठक उसी बेलगाम में होने जा रहा है, जहां से गांधी जी ने भारत को सद्भाव, एकता, प्रेम और तानाशाह ताकतों के प्रति अवज्ञा का मूल्य सिखाया था। *और कांग्रेस पार्टी के करोड़ो कार्यकर्ता आज सत्य, अहिंसा और प्रेम के गांधीवादी आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए पूरी निष्ठा से है मौके पर कृष्ण प्रसाद सुधीर कुमार गणेश कुमार शीटू शंभू प्रसाद अनवर हुसैन समसुद्दीन अंसारी और मो आजम. सज्जन बाबू मदर सिंह एव.कई लोगों शामिल हुऎ