सरकार अपने नागरिकों को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है।जिससे भारत के नागरिक सरकार की योजनाओं का लाभ ले सके। देवघर जिले की यदि बात करें तो पूरे जिले में इन दिनों सरकारी योजना की स्थिति काफी खराब है।ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सुदूर क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए घुस देने की आवश्यकता पड़ रही है। देवघर जिले में राशन कार्ड प्रणाली योजना के माध्यम से लाभान्वित होने वाले हजारों लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि सरकार ने राशन प्रणाली योजना की प्रक्रिया को और भी अधिक सरल और आसान बनाने के लिए ई केवाईसी(e-KYC)करने की सुविधा शुरू की है। लेकिन देवघर जिले में केवाईसी कराने के लिए लाभुकों को घूस देना पड़ रहा है।राशन कार्ड धारकों को ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य हैं।बिना केवाईसी के राशन कार्ड निरस्त हो सकता है।इसीलिए इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभुक केवाईसी करवा रहे हैं ताकि उन्हें सरकारी स्तर पर दाल, चावल,गेहूं,चीनी और नमक मिलता रहे। लेकिन देवघर जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थानीय डीलरों द्वारा केवाईसी के नाम पर अवैध उगाही की जा रही है। देवघर प्रखंड के ही झिलुवा चांडी पंचायत के बासाकोला गांव में कई ऐसे लाभुक हैं।जिनसे केवाईसी के नाम पर अवैध पैसे लिए जा रहे हैं। बासाकोला गांव में रहने वाले कई ग्रामीणों ने बताया कि राशन कार्ड पर उन्हें पांच-पांच केजी चावल दाल गेहूं के साथ-साथ अन्य अनाज भी दिए जाते हैं।लेकिन स्थानीय डीलर द्वारा अनाज की मात्रा में भी कटौती की जाती है।वही राशन कार्ड को केवाईसी से रजिस्टर करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से 100 रूपये लिए जाते

हैं।जबकि सरकारी नियमावली के अनुसार केवाईसी करवाने की प्रक्रिया मुफ्त है।लोगों के आरोप के बाद जब स्थानीय डीलर से बात की गई तो स्थानीय डीलर ने पैसे की उगाही की बात से साफ मना कर दिया। बासाकोला और पहाड़िया गांव में रहने वाले सिकंदर यादव,सालों यादव,कमल पुजहर,चमरू पूजहर,कल्ला पुजहर,सुरेंद्र सिंह और सुखविंदर सिंह ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति पर सरकारी नियम के अनुसार 5 किलो अनाज देना होता है लेकिन डीलर मनमानी करते हुए चार किलो ही अनाज दे रहे हैं।डीलर की मनमानी का जब ग्रामीण विरोध करते हैं तो डीलर द्वारा यह जवाब दिया जाता है कि यदि किसी को दिक्कत है तो दूसरी जगह से केवाईसी करवा ले। ऐसे में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की दिक्कतों को देखते हुए हमने जब देवघर जिले के खाद आपूर्ति पदाधिकारी नरेश रजक से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया लेकिन उन्होंने स्थानीय पदाधिकारी को डीलर पर त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया। जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के कार्यालय से मिले जानकारी के अनुसार पूरे जिले में करीब 2 लाख 21 हजार 595 ऐसे परिवार हैं।जिन्हें पीएचएच(phh) राशन कार्ड के तहत खाद्यान्न मुहैया करवाया जाता है। गौरतलब है कि देवघर जिला के कई ऐसे गांव हैं जहां पर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जरूरत है जिले के अधिकारी विभिन्न प्रखंडों और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण करें ताकि सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ मिल सके।