पलामू जिले के पांकी प्रखंड केआसेहार में शिव मंदिर निर्माण समिति की बैठक सोमवार को देवी मंडप प्रांगण में आयोजित की गई। बैठक में समिति के सदस्यों और ग्रामीणों ने झारखंड सरकार से सनातन गुरुकुल बोर्ड के गठन की मांग की। समिति के अध्यक्ष धीरज कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में वृंदावन से पधारे श्री रणधीर जी महाराज ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार झारखंड सरकार मदरसा बोर्ड का संचालन करती है, उसी प्रकार सनातन धर्म की शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए एक सनातन गुरुकुल बोर्ड का गठन होना चाहिए। श्री रणधीर जी महाराज ने कहा कि यह बोर्ड हिंदू धर्म के आदर्शों और मूल्यों को संरक्षित और प्रसारित करने में सहायक होगा। इससे न केवल सनातन धर्म के शिक्षण संस्थानों को सरकार से मान्यता और सहयोग प्राप्त होगा, बल्कि विद्यार्थियों को भी संस्कृति और धर्म की गहन शिक्षा मिल सकेगी। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने इस मांग का पुरजोर समर्थन किया और इसे हिंदू धर्म के उत्थान के लिए एक आवश्यक कदम बताया। समिति के सचिव अमृत यादव ने कहा कि सनातन धर्म से

संबंधित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गुरुकुल परंपरा को पुनर्जीवित करना समय की मांग है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। कोषाध्यक्ष बीरेंद्र यादव,बिकेश कुमार ने कहा कि ऐसा बोर्ड झारखंड के हिंदू समाज के विकास और समृद्धि में मील का पत्थर साबित होगा। शिव मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों ने झारखंड सरकार से सवाल करते हुए कहा कि जब राज्य में अल्पसंख्यकों की शिक्षा के लिए मदरसा बोर्ड संचालित किया जा सकता है, तो बहुसंख्यक हिंदू समाज की शिक्षा और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए सनातन गुरुकुल बोर्ड क्यों नहीं बनाया जा सकता? बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि समिति इस मांग को लेकर ज्ञापन तैयार करेगी और इसे झारखंड सरकार के संबंधित विभाग को सौंपेगी। साथ ही, सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया। श्री रणधीर जी महाराज ने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की कि यदि सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो यह केवल हिंदू समाज ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने सभी धर्मप्रेमियों से इस मांग को समर्थन देने की अपील की।