प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1949 में संविधान को अपनाने के बाद से भारत की यात्रा को “असाधारण” बताते हुए शनिवार को कहा कि देश की प्राचीन लोकतांत्रिक जड़ें लंबे समय से दुनिया के लिए प्रेरणा रही हैं. उन्होंने संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर दो दिवसीय बहस का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा कि भारत न केवल एक बड़ा लोकतंत्र है बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है।उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि गांधी परिवार के मुंह संविधान से खिलवाड़ का खून लग गया है. मोदी ने कहा कि भारत ने 2047 तक एक विकसित देश बनने का संकल्प लिया है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसकी एकता सबसे बड़ी आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, “हमारा संविधान हमारी एकता का आधार है.” उन्होंने पुरुषोत्तम दास टंडन और भीम राव अंबेडकर जैसी प्रख्यात हस्तियों की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि संविधान निर्माण में शामिल लोग अच्छी तरह जानते थे कि भारत का जन्म 1947 में नहीं हुआ था और न ही यह 1950 में लोकतांत्रिक बना था. उतार-चढ़ाव तो आए लेकिन मैं फिर एकबार देश की जनता को नमन करता हूं कि देश की जनता पूरी ताकत के साथ खड़ी रही.