
सदर प्रखंड की प्रमुख वीना देवी, उप प्रमुख रविकांत सिंह, पंचायत समिति सदस्य नीलम देवी और मुकेश कुमार सहित प्रमुख प्रतिनिधि गणेश मेहता ने अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारियों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताई है। प्रमुख और उप प्रमुख ने अंचल कार्यालय की अनियमितताओं और जनहित के मामलों में लापरवाही का आरोप लगाया है। प्रमुख ने बताया कि 30 जुलाई 2024 और 27 सितंबर 2024 को पत्र लिखकर अंचलाधिकारी से राजस्व कर्मचारियों और अंचल निरीक्षकों के साथ बैठक करने की मांग की गई थी ताकि जनहित में लंबित कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके। लेकिन, अंचलाधिकारी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे यह प्रतीत होता है कि अधिकारी और कर्मचारी रैयतों को परेशान करने और अपनी निजी स्वार्थ साधने में लगे हैं। सदर अंचल क्षेत्र में 20% रैयतों का अब तक ऑनलाइन कार्य नहीं हो सका है। 80% लोगों को अपने कार्यों के लिए अंचल कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। शिकायतें हैं कि कर्मचारी मोटी रकम की मांग करते हैं। उदाहरण के लिए, थाना नंबर 145, खाता नंबर 69 और प्लॉट नंबर 24 के आम गैरमजरुआ रास्ते पर दबंगों द्वारा मकान का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी सूचना अंचलाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को दी गई, लेकिन दो वर्षों से कोई कार्रवाई नहीं हुई। एक अन्य मामले में वाद संख्या 11/2022 के तहत अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था। सुनवाई के बाद भी, आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रभावित लोग न्याय के लिए अंचल कार्यालय और प्रमुख कार्यालय का लगातार चक्कर लगा रहे हैं। प्रखंड प्रमुख वीना देवी ने इस स्थिति को विडंबनापूर्ण बताते हुए कहा कि आम जनता को परेशान करने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप कर समाधान की मांग की है।