एग्यारकुण्ड प्रखंड के शिवलीबाड़ी के ग्रामीणों ने दर्जनों की संख्या में प्रखंड कार्यालय पहुंचकर अंचल अधिकारी कृष्ण कुमार मरांडी को लिखित शिकायत दिया कि मध्य पंचायत में पढ़ने वाले टैक्सी स्टैंड के बगल में जीटी रोड के सामने एगारकुंड अंचल अंतर्गत शिवलीबाड़ी मौजा 236 पुराना खाता नंबर 90 पुराना प्लॉट नंबर 611 जीटी रोड किनारे गैरआबाद खाते की जमीन है। जिसे भू माफिया द्वारा युद्ध स्तर से दिन रात पूरी रफ्तार से अतिक्रमण किया जा रहा है।विधानसभा चुनाव से पूर्व में भी स्थानीय ग्रामीणों द्वारा दूरभाष से अंचल अधिकारी कृष्ण कुमार मरांडी को सूचना दी गई थी। लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण माफियाओं का मनोबल बढ़ गया है। ग्रामीणों द्वारा दूरभाषा के सूचना पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सोमवार को लिखित शिकायत के माध्यम से शीघ्र ही अतिक्रमण रोक लगाने के लिए भू माफियाओं पर कानूनी कार्रवाई की मांग की ताकि जनहित में सरकारी स्कूल , भवन ,हॉस्पिटल या कोई भी सरकारी योजना से जनता को लाभ मिलने वाले भवन बन जाती है

तो जनता को लाभ मिलेगा। वही शिवलीबड़ी उत्तर पंचायत के वार्ड संख्या 12 के सदस्य मोहम्मद ताबीज ने बताया कि पूर्व में भी हमने इसकी सूचना स्थानीय कुमारडूबी ओपी के पुलिस को दिया था लेकिन उनके द्वारा भी रोकथाम जैसे कोई कार्रवाई नहीं की गई और इस जमीन पर हमने एग्यारकुण्ड अंचल के अंचल अधिकारी को लिखित शिकायत भी दिया था कि इस जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है इसीलिए इस जमीन पर अस्पताल बना दी जाए लेकिन मुझे इसके विपरीत ही जवाब मिला कि यह जमीन केएफएस से कंपनी की है जो अभी मामला हाई कोर्ट में चल रही इसीलिए इस जमीन पर हम लोग कुछ नहीं कर सकते। इसी को लेकर सोमवार को ग्रामीणों द्वारा हो हंगामा को देखते हुए और अंचल अधिकारी को लिखित शिकायत मिलने के बाद मामला गरमाता हुआ दिखा और मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों ने जांच पड़ताल किया तो पाया गया कि यह सरकारी जमीन है और आंचल कर्मचारी अशोक मिश्रा ने बताया कि इस जमीन को अतिक्रमण ह्रदय यादव , टन चौधरी और प्रकाश के द्वारा किया जा रहा है और अभी जांच बाकी है । दबी जुबान से और नाम न छापने को लेकर जनता में आक्रोश और अतिक्रमण किए गए दीवार को तोड़ने की मांग कह रहे हैं । वहीं लोगों ने यह भी कहा कि अगर कुमारधूबी पुलिस प्रशासन इन पर कार्रवाई नहीं करती है तो हम लोग जिला के अधिकारी और मंत्री के पास भी जाने को तैयार हैं।