दिल्ली विधानसभा के अंतिम सत्र के पहले दिन, मुख्यमंत्री आतिशी ने बस मार्शलों को बहाल करने के मुद्दे पर बयान दिया कि यह प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास लंबित है। इसी दौरान, उन्होंने एक बड़ी गलती कर दी, जब उन्होंने यह कहा कि “दिल्ली सरकार ने इस प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी”, जबकि यह जानकारी गलत थी। वास्तव में, प्रस्ताव अभी उपराज्यपाल के पास विचाराधीन था। इस गलती ने विपक्षी पार्टी बीजेपी को अवसर प्रदान किया, और वे इसे लेकर मुख्यमंत्री आतिशी पर हमला करने लगे।

विधानसभा में आतिशी ने की ये गलती सीएम आतिशी दिल्ली विधानसभा में डीटीसी बसों में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर अपने बयान में कह रही थीं कि आम आदमी पार्टी की सरकार से पहले किसी अन्य सरकार ने क्यों नहीं इस मुद्दे पर ध्यान दिया। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्यों पहले मार्शल लगाने की पहल नहीं की गई। आतिशी ने निर्भया कांड का जिक्र करते हुए कहा कि यह जघन्य अपराध भी एक डीटीसी बस में हुआ था, और इस घटना ने दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर रूप से चुनौती दी थी। उन्होंने सरकार की इस पहल को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी और डीटीसी बसों में मार्शल लगाने का फैसला किया।