त्रिवेणी कांत ठाकुर सम्मान: 27 नवंबर को साहित्यकार और पत्रकारों का सम्मान |

त्रिवेणी कांत ठाकुर सम्मान: 27 नवंबर को साहित्यकार और पत्रकारों का सम्मान |

त्रिवेणी कांत ठाकुर साहित्य एवं पत्रकारिता सम्मान समारोह 27 नवंबर को डीवीसी सभागार में इस बर्ष सम्म्मानित किए जाएंगे मैथिली भाषा मे राजकुमार मिश्र, हिंदी के साहित्यकार की टीपी पोद्दार, खोरठा के साहित्यकार एवं पर्यावरणविद् सुरेंद्र प्रसाद सिंह, पत्रकारिता में सहदेव प्रसाद लोहानी 2016 से 23 साहित्यकार और पत्रकार किए गए हैं सम्मानित हजारीबाग त्रिवेणी कांत ठाकुर साहित्य एवं पत्रकारिता सम्मान समारोह 2024 इस बर्ष 27 नवंबर को डीवीसी सभागार में आयोजित किया जाएगा। इसमे सम्मानपूर्वक मैथिली भाषा में योगदान के लिए व्यंग्यकार लेखक राजकुमार मिश्र, हिंदी के लिए साहित्यकार टीपी पोद्दार, खोरठा के लिए साहित्यकार एवं पर्यावरणविद् सुरेंद्र प्रसाद सिंह एवं पत्रकारिता क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले सहदेव प्रसाद लोहानी को यह यह सम्मान दिया जाएगा। वही एसकेएबी स्कूल की छात्रा साना प्रवीण को प्रतिभा प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी साहित्यिक संस्था त्रिवेणी कांत ठाकुर मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव राकेश ठाकुर ने दी। मौके पर अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार ठाकुर कोषाध्यक्ष सीता ठाकुर संयोजक हितनाथ झा की उपस्थित थे। सचिव ने बताया कि मैथिली साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार, व्यंग्य-लेखक एवं कवि राज कुमार मिश्र वर्तमान में राँची में निवास कर मैथिली साहित्य की सेवा में लगे हैं। उनकी सम्पर्क साहित्यिक संस्था के संस्थापक संयोजक, झारखण्ड मैथिली मंच राँची के संस्थापक सदस्य के रूप में सक्रिय सहभागिता रही है।

उनकी मैथिली भाषा में करीब आधा दर्जन मूल पुस्तक प्रकाशित हुई है।जिसमें नवीनतम पुस्तक ललबिठुआ व्यंग्य साहित्य में कालजयी रचना के रूप में प्रसिद्धि पा चुकी है। बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक से सेवानिवृत्त श्री मिश्र अभी भी साहित्य साधना में अध्ययनरत हैं। उनकी लिखित दू ठोप नोर, प्रवासी स्वर, अकटा मिसिया कविता संग्रह एवं बहिरा नाचए अपने ताले व्यंग्य विधा में पुस्तकें प्रकाशित हुई है। इन सभी का चयन पाँच निर्णायक मण्डल ने किया है।‌जिसमें कुमार मनीष अरविन्द, कृष्ण मोहन झा मोहन, विजय शंकर मल्लिक, सुरेश पासवान एवं हितनाथ झा‌ संयोजक शामिल है। पर्यावरणविद् और खोरठा के साहित्यकार है सुरेंद्र प्रसाद सिंह पर्यावरणविद सुरेंद्र प्रसाद सिंह हजारीबाग, बोकारो, चतरा कोडरमा, गिरिडीह, रांची, गुमला लोहरदगा पाकुड़ जिला मे ग्रामीण के बीच प्रेरणा पुरुष के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने ग्रामीणों के बीच लोक भाषा में गीत गाकर पर्यावरण का अलख जगाया है। वह लोक भाषा खोरठा नागपुरी, भोजपुरी, मैथिली एवं अंगिका में प्रेरणादाई आलेख कविता और गीतों की रचना करते हैं। फिर अपना स्वर देकर ग्रामीणों के हृदय में पर्यावरण के प्रति प्रेम जीवंत करते रहते हैं। उनके कृतित्व से वन क्षेत्र में बसे सैकड़ो गांवों में पर्यावरण के प्रति लोगों का झुकाव बढा है। क्षेत्र में पेड़ पौधे एवं वन्य जीवों का संवर्धन हुआ है बैंक प्रबंधक से हिंदी साहित्यकार तक का सफर रहा है टीवी पोद्दार का यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया से प्रबंधक से रिटायरमेंट के बाद हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने टीपी पोद्दार को जुटे हैं।‌वह हिन्दी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार होने के साथ प्रसिद्ध चित्रकार, चर्चित रंगमंच नायक, अनुवादक भी है। साल 2024 का त्रिवेणीकान्त ठाकुर साहित्य सम्मान उनके साहित्य मे उत्कृष्ट योगदान देने के लिए दिया जाएगाउनकी रचनाओं में कविता संग्रह ईश्वर मुस्कुराता है लघु कथा संग्रह, बन्द खिड़कियाँ एवं कहानी संग्रह शामिल है। पत्रकारिता क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है सहदेव प्रसाद लोहानी का पत्रकारिता के क्षेत्र में सहदेव प्रसाद लोहानी का जाना पहचाना नाम है। उनकी जन्म भूमि राजगीर नालन्दा हैं। लेकिन कर्म भूमि हजारीबाग रही है।हजारीबाग मे 1985 मे आगमन के बाद उनका निवास स्थान न्यू एरिया, हजारीबाग रहा है।

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