21 नवंबर को अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई, जब अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अडानी और अन्य पर मल्टी-बिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए। आरोप है कि अडानी ग्रुप ने सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए $265 मिलियन की रिश्वत दी और $3 बिलियन से अधिक के लोन और बॉन्ड की जानकारी निवेशकों और कर्जदाताओं से छिपाई। इन घटनाओं का असर अडानी के प्रमुख शेयरों पर पड़ा, जिनमें अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, और अडानी ग्रीन एनर्जी में 10-20% तक की गिरावट दर्ज की गई। गिरावट से अडानी ग्रुप की कुल बाजार पूंजीकरण में ₹2 लाख करोड़ की कमी आई, जो अब ₹12.43 लाख करोड़ रह गई है। ऑस्ट्रेलिया-लिस्टेड GQG पार्टनर्स, अडानी ग्रुप में एक बड़े निवेशक, के शेयर भी 20% गिर गए। अडानी ग्रुप की कंपनियों ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन इन आरोपों और गिरावट ने निवेशकों के बीच अडानी ग्रुप के वित्तीय प्रबंधन और शासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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