स्पेसएक्स के फॉल्कन-9 रॉकेट ने मंगलवार को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से ISRO के GSAT-20 कम्युनिकेशन सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह 4,700 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट भारत के दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और इन-फ्लाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा। GSAT-20 में Ka-बैंड हाई-थ्रूपुट कम्युनिकेशन पेलोड और 14 साल की मिशन अवधि है। इसमें 32 यूजर बीम (8 नैरो स्पॉट बीम और 24 चौड़े स्पॉट बीम) हैं, जो पूरे भारत में इंटरनेट सेवाएं सपोर्ट करेंगे। हालिया रेगुलेटरी बदलावों ने भारतीय हवाई क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी की अनुमति दी है।
इसरो के कमर्शियल सेगमेंट न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने 2023 की शुरुआत में स्पेसएक्स के साथ यह साझेदारी की। यह सैटेलाइट इतना भारी था कि भारतीय LVM-3 लॉन्च वेहिकल इसे स्पेस में ले जाने में असमर्थ था। भू-राजनीतिक तनाव और अन्य विकल्पों की कमी के कारण भारत ने स्पेसएक्स को चुना। यह लॉन्च इसरो और स्पेसएक्स के बीच पहला कमर्शियल सहयोग है, जो भारत की भारी उपग्रहों के लिए विदेशी लॉन्च सेवाओं पर निर्भरता को दर्शाता है।