लोकेशन झांसी
रिपोर्ट समद अली
स्लग। सिर्वो मे ईद उल अजहा की नमाज़ अदा की गई। मुल्क मे चैन और अमन की दुआ मांगी।
एकर गुरसराय थाना प्रभारी अरुण तिवारी व co आभा सिंह के साथ एसडीएम दीक्षित जी गरौठा पुलिस बल के साथ ईदगाह पर मौजूद रहे।
V/O. पेश इमाम शहाबुद्दीन ने बताया मुस्लिम धर्म में पवित्र माह रमजान के 70 दिन बाद बकरीद का त्यौहार मनाया जाता है. इसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जानते हैं. इस साल भारत में बकरीद का त्यौहार 10 जुलाई मनाया गया. बकरीद पर मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा है.
इस्लाम धर्म में जिंदगी में एक बार हज की यात्रा करना जरूरी होता है. हज की यात्रा समाप्त होने के बाद ईद-उल-जुहा यानी बकरीद का त्यौहार मनाया जाता है. बकरीद के त्यौहार को बड़ी ईद के नाम से भी जाना जाता है. बकरीद में नर बकरे की कुर्बानी दी जाती है. बकरे की कुर्बानी देने के बाद से इसे तीन भागो में बांटा जाता है, पहला भाग रिश्तेदारों, दोस्तों व आस-पास के करीबियों को दिया जाता है. दूसरा हिस्सा गरीब और जरूरतमंदो को दिया जाता है और तीसरा हिस्सा परिवार के लोगों के लिए होता है.